टाटा कैपिटल IPO में LIC का सबसे ज्यादा पैसा

टाटा कैपिटल के 15,512 करोड़ रुपये के IPO में कई बड़े घरेलू और वैश्विक फंडों का दबदबा रहा, जिसमें जीवन बीमा निगम (LIC) सबसे बड़ा निवेशक बनकर उभरा।
सरकारी बीमा कंपनी ने 326 रुपये प्रति शेयर के भाव पर 700 करोड़ रुपये मूल्य के 15.08 प्रतिशत शेयर हासिल किए।
एक्सचेंज फाइलिंग से पता चला कि LIC के अलावा, ICICI प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड (MF), निप्पॉन इंडिया एमएफ, मोतीलाल ओसवाल MF, अमांसा होल्डिंग्स, नोमुरा, मॉर्गन स्टेनली, गवर्नमेंट पेंशन फंड ग्लोबल और गोल्डमैन सैक्स उन बड़े वैश्विक और घरेलू संस्थानों में शामिल थे, जिन्होंने एंकर बुक में भाग लिया।
सर्कुलर के अनुसार, टाटा कैपिटल ने 135 फंडों को 326 रुपये प्रति शेयर के भाव पर 14.24 करोड़ इक्विटी शेयर आवंटित किए हैं, जिससे लेनदेन का आकार 4,642 करोड़ रुपये हो गया है।
कंपनी की 15,512 करोड़ रुपये की पहली सार्वजनिक पेशकश 6-8 अक्टूबर के दौरान 310 रुपये से 326 रुपये प्रति शेयर की कीमत सीमा में सदस्यता के लिए खुलेगी।
बैंड के शीर्ष स्तर पर, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) का मूल्यांकन लगभग 1.38 लाख करोड़ रुपये है।
कुल 47.58 करोड़ शेयरों वाले इस आईपीओ में 21 करोड़ इक्विटी शेयरों का नया निर्गम और 26.58 करोड़ शेयरों की बिक्री पेशकश (ओएफएस) शामिल है।
टाटा कैपिटल के 13 अक्टूबर को शेयर बाजार में उतरने की उम्मीद है। पीटीआई एसपी एआरआई
वर्तमान में, टाटा कैपिटल में टाटा संस की हिस्सेदारी 88.6 प्रतिशत है, जबकि आईएफसी के पास 1.8 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
टाटा कैपिटल के IPO से निवेशकों को कितना मुनाफा हो सकता है?
टाटा कैपिटल इस साल के सबसे चर्चित इश्यूज में से एक है। निवेशक इसमें पैसा लगाने को लेकर उत्सुक हैं, लेकिन असली सवाल है कि क्या इससे वाकई मुनाफा होगा? अगर हां, तो कितना? चलिए समझते हैं
लिस्टिंग गेन की संभावना
टाटा ग्रुप की पिछली लिस्टिंग टाटा टेक्नोलॉजीज ने 2023 में 140% प्रीमियम पर डेब्यू किया था, लेकिन अब वह 43% नीचे ट्रेड कर रही है। वहीं इस बार माहौल अलग है। टाटा कैपिटल एक NBFC (फाइनेंशियल सर्विस फर्म) है, जो टेक कंपनियों की तरह हाइप ड्रिवन नहीं होती।