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जर्मनी के म्यूनिख एयरपोर्ट पर कई ड्रोन दिखने से हड़कंप, 17 उड़ानें रद

जर्मनी के दूसरे सबसे व्यस्त म्यूनिख एयरपोर्ट पर गुरुवार शाम ड्रोन दिखा। जिसके कारण म्यूनिख हवाई अड्डे को बंद करना पड़ा। एयरपोर्ट प्रशासन के मुताबिक, ड्रोन देखे जाने की घटना के कारण 17 फ्लाइट्स कैंसिल हो गईं। जिसके कारण करीब 3,000 यात्रियों की यात्रा प्रभावित हुई है.

दरअसल, जर्मनी के म्यूनिख हवाई अड्डे पर ड्रोन दिखने की वजह से हड़कंप मच गया। इस वजह से जहां 17 फ्लाइट्स को रद करना पड़ा, वहीं अन्य 15 आने वाली उड़ानों को स्टटगार्ट, नूर्नबर्ग, वियना और फ्रैंकफर्ट की ओर डायवर्ट कर दिया गया।

6 महीने में 2 करोड़ यात्रियों ने किया सफर
जर्मनी के म्यूनिख हवाई सबसे व्यस्त एयपोर्ट में से एक है। जिसने इस वर्ष पिछले 6 महीने में करीब 2 करोड़ यात्रियों को सफर कराया है। इतनी बड़ी संख्या में यात्रियों के बीच ड्रोन को लेकर अलर्ट होने से न सिर्फ एयरपोर्ट बल्कि पूरी एयरलाइंस व्यवस्था प्रभावित हुई। इससे पहले पिछले ही हफ्ते डेनमार्क में कई एयरपोर्ट्स पर ड्रोन दिखे थे। इस दौरान डेनमार्क ने सभी नागरिक उड़ानों पर रोक लगा दिया। जिसके कारण करीब 10 हजार यात्रियों की यात्रा प्रभावित हुई।

ड्रोन दिखने से आवागमन ठप
ड्रोन दिखने की घटना के बाद जर्मन हवाई यातायात नियंत्रण अधिकारियों ने गुरुवार रात 10:18 बजे (2018 GMT) से म्यूनिख हवाई अड्डे पर उड़ान संचालन पर रोक लगा दिया। बाद में कई ड्रोन दिखने की वजह से उड़ानों के आवागमन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया। ड्रोन दिखने की घटना के बाद पुलिस और अग्ननिशमन विभाग को तुरंत अलर्ट कर दिया गया। यह ड्रोन कहां से आया इसका अभी तक पता नहीं चल सका है। फिलहाल इसकी जांच जारी है।

गौरतलब है कि जर्मन का म्यूनिख इस शहर पहले से ही दहशत में था। जब शहर के उत्तरी हिस्से के एक रिहायशी बिल्डिंग को बम से उड़ाने की धमकी मिली और कुछ विस्फोटक मिला। इस वजह से लोकप्रिय अक्टूबरफेस्ट अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया।

डेनमार्क में भी दिखा था ड्रोन
पिछले सप्ताह डेनमार्क के हवाई क्षेत्र में हुई ड्रोन घटनाओं के चलते वहां एक हवाई अड्डों पर नागरिक उड़ाने प्रभावित हुईं। डेनमार्क इसका जिम्मेदार किसे मानता है, यह तो नहीं बताया। लेकिन डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन ने संकेत दिया है कि यह रूस हो सकता है। प्रधानमंत्री मेटे ने कहा- ‘यूरोप को अब अपनी सुरक्षा खुद मजबूत करनी होगी. हमें न सिर्फ ड्रोन बनाने की क्षमता बढ़ानी है, बल्कि एंटी-ड्रोन सिस्टम भी तैयार करने होंगे.’

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