खेल

बांग्लादेशी स्पिन बनाम भारतीय स्ट्रोकप्ले की जंग

सुपर-4 चरण के पहले मुकाबले में पाकिस्तान को पटखनी देने के बाद सूर्यकुमार यादव की अगुआई वाली भारतीय टीम अब बुधवार को बांग्लादेश से भिड़ेगी। इस मुकाबले में भारतीय टीम भले ही मजबूत दिख रही हो, लेकिन स्पिन गेंदबाजी के मोर्चे पर बांग्लादेश टीम भारत को मुश्किल में डाल सकती है।

टी-20 प्रारूप में दोनों टीमों के बीच अब तक 17 मुकाबले हुए हैं, जिनमें से बांग्लादेश केवल एक ही जीत सका है। इसके बावजूद पिछले एक दशक में दोनों देशों के बीच क्रिकेट की प्रतिद्वंद्विता काफी तीखी हो गई है। खासकर 2015 विश्व कप में मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर रोहित शर्मा को मिली ‘बेनिफिट ऑफ डाउट’ जैसी घटनाओं के बाद बांग्लादेशी प्रशंसकों का रुख भारत को लेकर अधिक आक्रामक हो गया।

क्रिकेट का यह मुकाबला सिर्फ खेल तक सीमित नहीं है। हाल ही में शेख हसीना सरकार के सत्ता से हटने के बाद भारत-बांग्लादेश के राजनयिक रिश्ते भी सहज नहीं हैं। बीसीसीआई ने अगस्त में होने वाली सफेद गेंद सीरीज को टालकर अब 2026 में कराने का निर्णय किया है। इस कारण मैच का माहौल और अधिक संवेदनशील हो गया है।

बल्लेबाजी में भारत का पलड़ा भारी

कागज पर देखा जाए तो बल्लेबाजी में भारत का पलड़ा स्पष्ट तौर पर भारी है। भारतीय आरंभिक बल्लेबाज अभिषेक शर्मा इस समय सर्वश्रेष्ठ फार्म में हैं और लगभग 210 की स्ट्राइक रेट से रन बना रहे हैं। उपकप्तान शुभमन गिल ने भी पाकिस्तान के विरुद्ध मुकाबले में 158 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए थे।

बांग्लादेश की ओर से लिटन दास और तौहीद हृदोय भले ही सर्वश्रेष्ठ टी-20 बल्लेबाज माने जाते हैं, लेकिन उनके स्ट्राइक रेट क्रमश: 129 और 124 ही हैं, जो भारतीय बल्लेबाजों की तुलना में काफी पीछे हैं।

स्पिन ही है बांग्लादेश की ताकत

बांग्लादेश की सबसे बड़ी उम्मीद उनकी स्पिन गेंदबाजी से है। लेग स्पिनर रिशाद हुसैन और ऑफ स्पिनर मेहदी हसन बीच के ओवरों मे रन रोकने का काम कर सकते हैं। अगर बांग्लादेश पहले गेंदबाजी करता है और भारत को 150-160 रन तक सीमित रख पाता है, तो उसके पास जीत की संभावना बन सकती है।

तिलक वर्मा की परीक्षा

भारतीय बल्लेबाजी क्रम में एक चिंता का विषय तिलक वर्मा का स्पिन के विरुद्ध संघर्ष है। आंकड़े बताते हैं कि 2024 में उन्होंने स्पिनरों के खिलाफ 190 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए थे, लेकिन 2025 में उनका स्ट्राइक रेट सिर्फ 115 तक सीमित रहा और डॉट बॉल प्रतिशत 38 पहुंच गया। इसका असर भारत के मध्यक्रम पर पड़ सकता है।

टीम प्रबंधन ने लगातार खिलाड़ियों पर भरोसा जताने की नीति अपनाई है, इसलिए तिलक वर्मा और संजू सैमसन दोनों को चार और पांच नंबर पर बल्लेबाजी का मौका मिलने की उम्मीद है। ऐसे में अगर शीर्ष क्रम जल्दी लड़खड़ाता है तो इन दोनों बल्लेबाजों को बड़ी जिम्मेदारी निभानी होगी।

गेंदबाजी में संतुलन

बांग्लादेश की गेंदबाजी इकाई पांच स्तंभों पर आधारित है, मुस्तफिजुर रहमान, तस्कीन अहमद और तंजीम हसन साकिब की तेज गेंदबाजी तिकड़ी के साथ रिषाद और मेहदी की स्पिन जोड़ी। यह आक्रमण असाधारण तो नहीं है, लेकिन परिस्थितियों का सही इस्तेमाल कर भारतीय बल्लेबाजों को रोक सकता है।

कुल मिलाकर बल्लेबाजी की ताकत और बड़े मैचों का अनुभव भारत को बढ़त दिलाता है। लेकिन टी-20 क्रिकेट का अनिश्चित स्वभाव और बांग्लादेश के स्पिनरों की काबिलियत मुकाबले को रोमांचक बना सकती है।

भारतीय बल्लेबाजों को अगर शुरुआती झटके से बचना है तो स्पिनरों के विरुद्ध संयम और आक्रामकता का संतुलन बनाना होगा। भारत यदि अपने आक्रामक बल्लेबाजी रुख को बरकरार रखता है तो एक और बड़ी जीत की संभावना प्रबल है, लेकिन बांग्लादेश अगर अपनी ताकत यानी स्पिन और धीमी गति की गेंदबाजी का पूरा फायदा उठाता है, तो टीम इंडिया को कड़ी चुनौती मिल सकती है।

टीमें :

भारत : सूर्यकुमार यादव (कप्तान), शुभमन गिल, अभिषेक शर्मा, तिलक वर्मा, हार्दिक पांड्या, शिवम दुबे, अक्षर पटेल, जितेश शर्मा, जसप्रीत बुमराह, अर्शदीप सिंह, वरुण चक्रवर्ती, कुलदीप यादव, संजू सैमसन, हर्षित राणा, रिंकू सिंह।

बांग्लादेश : लिटन दास (कप्तान), तंजीद हसन, परवेज हुसैन इमोन, सैफ हसन, तोहीद हृदोय, जाकेर अली, शमीम हुसैन, नुरुल हसन, मेहदी हसन, रिशाद हुसैन, नासुम अहमद, मुस्तफिजुर रहमान, तंजीम हसन, तस्कीन अहमद, शोरीफुल इस्लाम, मोहम्मद सैफुद्दीन।

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