उत्तराखंड

उत्तराखंड: आयुष्मान योजना, सात साल में 17 लाख मरीजों को मिला निशुल्क इलाज

आयुष्मान योजना ने सात साल पूरे कर लिए हैं। योजना में अब तक 17 लाख मरीजों को निशुल्क इलाज का लाभ मिला। इस पर सरकार ने 3300 करोड़ रुपये खर्च किए। योजना में 61 लाख से अधिक लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं।

23 सितंबर 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की शुरूआत की थी। इसमें प्रत्येक परिवार को प्रति वर्ष पांच लाख रुपये तक निशुल्क उपचार की सुविधा है। केंद्र की योजना में प्रदेश के 5.97 लाख परिवार शामिल हैं। केंद्र की तर्ज पर प्रदेश सरकार ने 23 लाख परिवारों के लिए अटल आयुष्मान योजना, कर्मचारियों व पेंशनरों के लिए राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना शुरू की।

आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, अटल आयुष्मान योजन व उत्तराखंड राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना में अब तक 61 लाख से अधिक कार्ड बन चुके हैं। प्रदेश में आयुष्मान योजना के तहत कुल 396 अस्पताल सूचीबद्ध हैं। जिसमें 201 सरकारी व 195 निजी अस्पताल शामिल हैं। राज्य से बाहर 31 हजार से अधिक अस्पताल आयुष्मान योजना के सूचीबद्ध हैं।

पुलिस रिपोर्ट के आधार पर उपचार तत्काल शुरू

केंद्र सरकार ने 70 साल या उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयुष्मान वय वंदना योजना शुरू की है। इस योजना में बुजुर्गों के लिए पांच लाख तक कैशलेस उपचार की सुविधा है। अब तक प्रदेश के 20 हजार से अधिक वय वंदना कार्ड बन चुके हैं। पांच हजार लाभार्थियों के इलाज पर 20 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई। सड़क हादसे में घायल हुए पीड़ितों के लिए आयुष्मान के तहत ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण व सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय संयुक्त पहल से कैशलेस उपचार की खास व्यवस्था की गई है। इसमें किसी भी सड़क हादसे के घायल को सिर्फ पुलिस रिपोर्ट के आधार पर उपचार तत्काल शुरू किया जाता है। इसमें 1.50 लाख तक या सात दिन कैशलेस उपचार की सुविधा है।

राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष अरविंद सिंह ह्यांकी ने कहा आयुष्मान योजना को जन अपेक्षाओं पर खरा उतारने के लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। सेवाओं में कोई कोताही न हो, इसके लिए अस्पतालों को निर्देश दिए गए। गलत दावे प्रस्तुत करने वाले अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।

आयुष्मान योजना विश्व की सबसे बड़ी आरोग्य योजना है। यह योजना लाखों रोगियों के लिए संजीवनी साबित हो रही है। उत्तराखंड में सात वर्ष में योजना से 17 लाख मरीजों को निशुल्क इलाज का लाभ मिला है।

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