चमोली: आपदा का कहर, बिंसर पहाड़ी की चोटी पर दोनों ओर फटा बादल

बादल फटने से नंदानगर के तीन क्षेत्रों में भारी तबाही मची है। बताया जा रहा है कि बादल बिंसर पहाड़ी की चोटी के दोनों तरफ फटा जिससे पानी के सैलाब की तीन धाराएं बन गईं और सैंती लगा कुंतरी, फाली लगा कुंतरी और धुर्मा को भारी नुकसान पहुंचा है।
बिंसर चोटी के बायीं तरफ जहां फाली लगा कुंतरी और सैंती लगा कुंतरी गांव स्थित हैं यहां दो धाराएं बनीं गई हैं। इन धाराओं के तेज बहाव के कारण दोनों गांवों में कई मकान मलबे में दब गए। फाली लगा कुंतरी में 20 और सैंती लगा कुंतरी में 18 परिवार रहते थे
इस आपदा में आठ लोग लापता बताए जा रहे हैं। वहीं बिंसर पहाड़ी के दूसरी तरफ बादल फटने से एक बरसाती नाले ने विकराल रूप ले लिया और धुर्मा गांव में तबाही मचा दी। यहां 75 वर्षीय गुमान सिंह और 36 वर्षीय ममता मलबे में दब गए। कई अन्य घर भी खतरे की जद में आ गए हैं।
जगदंबा प्रसाद के परिवार पर लगातार आपदा और विपदा का कहर
सैंती लगा कुंतरी गांव में आपदा की चपेट में आए 70 वर्षीय जगदंबा प्रसाद और उनकी 65 वर्षीय पत्नी भागा देवी की कहानी दिल दहलाने वाली है। पूर्व सैनिक जगदंबा प्रसाद का जीवन लगातार दुखों से भरा रहा है। उनकी चार बेटियां और एक बेटा था। करीब दस साल पहले उनके बेटे की गोपेश्वर में दौड़ लगाते समय मौत हो गई थी। कुछ साल पहले उनकी सबसे बड़ी बेटी भी चल बसी। उनकी दो बेटियों की शादी एक ही परिवार में हुई थी।
एक बेटी के शिक्षक पति की बीमारी से मौत हो गई, और दूसरी के संविदा पर काम करने वाले पति की भी एक दुर्घटना में मौत हो गई थी। जगदंबा प्रसाद कुछ ही दिन पहले चंडीगढ़ से अपना इलाज कराकर लौटे थे और अब वे और उनकी पत्नी भी इस आपदा में मलबे के नीचे दब गए हैं।