पर्यटन

ऑफ सीजन की शांति या पीक सीजन की धूम, क्या है गोवा जाने का सही समय

गोवा भारत की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है। जो लोग घूमने-फिरने का शौक रखते हैं, उनकी लिस्ट में गोवा का नाम सबसे ऊपर होता है। हालांकि, ज्यादातर लोगों के मन में सवाल रहता है कि गोवा घूमने के लिए सबसे अच्छा समय (Perfect Time to Visit Goa) क्या है?

क्या पीक सीजन (Goa Peak Season Timing) की भीड़-भाड़ और जश्न का माहौल चुने, या ऑफ-सीजन (Off Season Timing for Goa) की शांति और प्राकृतिक सुंदरता? दरअसल, गोवा दो अलग-अलग रूपों में नजर आता है और आपकी पसंद आपकी यात्रा की यादों को पूरी तरह से बदल सकती है। आइए दोनों ही सीजन के फायदे और नुकसान जानते हैं, ताकि आप अपने लिए सही फैसला ले सकें।

पीक सीजन (नवंबर से फरवरी)
यह वह समय है जब गोवा सबसे ज्यादा वाइब्रेंट और एनर्जी से भरा होता है। मौसम सुहाना होता है और हर तरफ एक फेस्टिव माहौल होता है।

क्यों पीक सीजन है बेहतर?
परफेक्ट मौसम- इस दौरान मौसम एकदम सही रहता है- न ज्यादा गर्मी, न ज्यादा ठंड, बस हल्की धूप और ठंडी हवा का सुहाना अहसास। यह मौसम बीच पर घंटों बिताने, ऐतिहासिक किलों को घूमने और साइकिलिंग के लिए बिल्कुल परफेक्ट है।
जश्न का माहौल- गोवा इस समय रंगीन हो जाता है। क्रिसमस, न्यू ईयर, गोवा कार्निवल और कई संगीत उत्सवों की धूम मची रहती है। दुनिया भर से पर्यटक यहां जमा होते हैं, जिससे यहां का माहौल काफी मजेदार हो जाता है।
एडवेंचर के कई ऑप्शन- इस मौसम में वॉटर स्पोर्ट्स का पूरा आनंद लिया जा सकता है। स्कूबा डाइविंग, पैरासेलिंग, जेट स्की, बनाना बोट जैसी एक्टिविटीज पूरे जोरों पर होती हैं।
वाइब्रेंट नाइटलाइफ- हर बीच शैक, रेस्तरां, नाइटक्लब और फ्ली मार्केट इस सीजन में गुलजार रहते हैं। बागा, कैलांगूट जैसे बीचों पर रात भर जलूस और पार्टियां चलती रहती हैं।

पीक सीजन से जुड़ी परेशानियां?
भीड़भाड़- मशहूर बीच और टूरिस्ट स्पॉट्स पर लोगों की काफी भीड़ रहती है। शांति की तलाश करने वालों के लिए यह थोड़ा परेशान करने वाला हो सकता है।
ज्यादा कीमतें- इस दौरान होटल, फ्लाइट्स और यहां तक कि लोकल टैक्सियों के किराए भी आसमान छूते हैं। बजट में ट्रैवल करने वालों के लिए यह समय मुश्किल भरा हो सकता है।
प्री-बुकिंग जरूरी- अच्छे होटल और रीजनेबल रेट पर फ्लाइट्स के लिए हफ्तों, यहां तक कि महीनों पहले से बुकिंग करना जरूरी हो जाता है। लास्ट मिनट की प्लानिंग महंगी पड़ सकती है।

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