देश-विदेश

डेमोक्रेट्स ने एपस्टीन को लिखा ‘पत्र’ जारी किया; दावा- ट्रंप के साइन हैं

अमेरिका में बहुचर्चित एपस्टीन मामले ने नया मोड़ ले लिया है। हाउस ओवरसाइट कमेटी में डेमोक्रेट्स ने एक पत्र जारी किया, जो कथित तौर पर एपस्टीन को ट्रंप ने लिखा था। ट्रंप ने इसे फर्जी बताया और वॉल स्ट्रीट जर्नल पर ₹83,000 करोड़ की मानहानि का केस किया। दावा किया जा रहा है कि यह पत्र 2003 में बने एपस्टीन के बर्थडे एलबम का हिस्सा है।

अमेरिका के सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाले एप्सटीन मामले में चर्चा और ज्यादा तेज तब हो गई। जब अमेरिकी संसद की हाउस ओवरसाइट कमेटी में डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्यों ने सोमवार को एक ऐसा पत्र सार्वजनिक किया, कहा जा रहा है कि ये पत्र जेफरी एपस्टीन को लिखा गया था और इस पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम और हस्ताक्षर हैं।

हालांकि, ट्रंप ने इस पत्र को पूरी तरह फर्जी बताया है और कहा कि उन्होंने ना तो यह पत्र लिखा है और ना ही इसके चारों ओर बनी अश्लील महिला की तस्वीर बनाई है। उन्होंने इस मामले को लेकर द वॉल स्ट्रीट जर्नल के खिलाफ 10 अरब डॉलर (लगभग ₹83,000 करोड़) का मानहानि का मुकदमा दायर किया है। दावा किया जा रहा है कि यह पत्र साल 2003 में एपस्टीन के जन्मदिन पर बनाए गए एक विशेष एलबम में शामिल था, जिसे हाल ही में एपस्टीन की संपत्ति से जुड़े दस्तावेजों के साथ समिति को सौंपा गया।


क्या लिखा है पत्र में?
बता दें कि पत्र में लिखा है कि एक दोस्त बहुत प्यारी चीज होती है। जन्मदिन मुबारक हो और दुआ है कि हर दिन तुम्हारे लिए खास रहे। इस संदेश के चारों ओर एक महिला की हस्त-चित्रित नग्न आकृति बनी है। ट्रंप ने इस पत्र को झूठा और बदनाम करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि ये मेरे शब्द नहीं हैं, ना ही यह मेरी भाषा है। और मैं चित्र बनाता भी नहीं।

व्हाइट हाउस की प्रतिक्रिया
हालांकि मामले में बढ़ते गर्माहट को देखते हुए व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलीन लीविट ने भी बयान में कहा कि यह ट्रंप का हस्ताक्षर नहीं है और उन्होंने यह पत्र नहीं लिखा। वहीं दूसरी ओर ट्रंप के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ टेलर बुडोविच ने सोशल मीडिया पर ट्रंप की असली हस्ताक्षर की तस्वीरें पोस्ट कीं और कहा कि यह पत्र ट्रंप का नहीं है। उन्होंने द वॉल स्ट्रीट जर्नल की मालिक कंपनी न्यूज़ कॉर्प को टैग करते हुए लिखा कि अब चेकबुक खोलो इसके बाद ही पता चलेगा यह हस्ताक्षर ट्रंप का है या नहीं। ये बदनामी है।

क्या है एपस्टीन मामला, समझिए
गौरतलब है कि जेफरी एपस्टीन, जो एक अमीर और फाइनेंसर था, 2019 में न्यूयॉर्क की एक जेल में आत्महत्या कर ली थी। एपस्टीन उस समय नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण और मानव तस्करी के गंभीर आरोपों में जेल में बंद था। एपस्टीन के खिलाफ यह मामला तब दोबारा खुला, जब यह सामने आया कि उसने पहले इन्हीं आरोपों से बचने के लिए चुपचाप सरकारी वकीलों से एक गुप्त समझौता कर लिया था। इस सौदे के जरिए वह सख्त सजा से बच निकला था, जिस पर वर्षों बाद फिर से सवाल उठने लगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button