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अमेरिका : सीडीसी निदेशक मोनारेज ने एक महीने में ही पद छोड़ा

अमेरिका की शीर्ष सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसी की निदेशक सुसान मोनारेज ने केवल एक महीने के अंदर ही पद छोड़ दिया है। इसके साथ ही एजेंसी के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस्तीफा दे दिया है।

स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग (एचएचएस) ने बुधवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा, सुसान मोनारेज अब रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) की निदेशक नहीं हैं। अमेरिकी जनता के प्रति समर्पण के लिए हम उन्हें धन्यवाद देते हैं। हालांकि, विभाग ने यह नहीं बताया कि उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया गया या उन्हें हटाया गया।

विभाग की ओर से देर शाम घोषणा से पहले सुसान ने एसोसिएटेड प्रेस (एपी) से कहा, मैं इस पर टिप्पणी नहीं कर सकती। बुधवार की शाम उनके वकील मार्क जैद और एबे डेविड लोवेन ने एक बयान जारी किया। इस बयान में कहा गया कि मोनारेज ने न तो इस्तीफा दिया है और न ही उन्हें यह बताया गया है कि उन्हें हटाया गया है।

बयान में कहा गया, जब सीडीसी की निदेशक सुसान ने गलत और बिना वैज्ञानिक आधार वाले आदेश से मना किया और ईमानदार डॉक्टरों को नहीं निकाला, तो उन्होंने जनता की सुरक्षा को राजनीति से ज्यादा जरूरी समझा। इसी वजह से उन्हें निशाना बनाया गया।

वकीलों ने आगे कहा, यह केवल एक व्यक्ति का मामला नहीं है। यह हमारे सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों को योजनाबद्ध तरीके से कमजोर करने, विशेषज्ञों की आवाज दबाने और विज्ञान का राजनीतिकरण करने की कोशिश है। मोनारेज पर हमला हर अमेरिकी के लिए चेतावनी है कि हमारे वैज्ञानिक तंत्र को अंदर से खत्म किया जा रहा है।

सीडीसी के तीन अन्य वरिष्ठ अधिकारियों का भी इस्तीफा
उनके साथ ही सीडीसी के तीन अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस्तीफा दिया है। इनमें स्वास्थ्य एजेंसी के उप निदेशक डॉ. डेबरा हौरी, उभरती और जूनोटिक (जानवरों से इंसानों में फैलने वाली) संक्रामक बीमारियों के लिए राष्ट्रीय केंद्र के प्रमुख डॉ. डैनियल जर्निगन, टीकाकरण और श्वसन रोगों के लिए राष्ट्रीय केंद्र के प्रमुख डॉ. डेमेट्रे डस्कलाकिस शामिल हैं।

बदलते हालात में जिम्मेदारी निभाना संभव नहीं: डॉ. डेबरा हौरी
डॉ. हौरी ने एक ईमेल में लिखा कि बजट कटौती, पुनर्गठन और छंटनी के कारण एंजेसी पर बुरा असर पड़ा है। उन्होंने लिखा, मैं जनता के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हूं, लेकिन इन बदलते हालात में मैं इस भूमिका को निभाना संभव नहीं समझती। उन्होंने टीके को लेकर फैली अपवाहों और सीडीसी की संचार क्षमता पर लगे नए प्रतिबंधों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, देश और दुनिया के कल्याण के लिए सीडीसी में वैज्ञानिक जानकारी को कभी नहीं रोका जाना चाहिए और न ही राजनीति के हिसाब से बदला जाना चाहिए।

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