गणेश चतुर्थी 2025: देश के 5 मशहूर गणपति पंडाल…

पूरे देश में 27 अगस्त को गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जाएगा। 10 दिनों तक चलने वाले इस उत्सव के दौरान पूरा देश बप्पा की भक्ति में सरोबार होता है। गणेश उत्सव मनाने के लिए वैसे तो देशभर में कई गणपति पंडाल सजाए जाते हैं, लेकिन कुछ पंडाल ऐसे हैं, जिनकी भव्यता देखते ही बनती है।
ये पंडाल अपनी क्रिएटिविटी, खूबसूरती, तरह-तरह के आयोजन और गणपति की खूबसूरत मूर्ति के लिए पूरे देशभर में जाने जाते हैं। इसलिए इन पंडालों के दर्शन करने देश के कोने-कोने से लोगों की भीड़ यहां इकट्ठी होती है। आइए जानते हैं देश के 5 सबसे मशहूर गणपति पंडालों के बारे में।
मुंबई की शान और गणेश उत्सव की आत्मा कहा जाने वाला लालबागचा राजा पंडाल देश भर में सबसे ज्यादा मशहूर है। इसकी खासियत है इसके ‘मूंगे की माला’ से सजे भगवान गणेश का 12 से 20 फुट ऊंचा भव्य स्वरूप। ऐसी मान्यता है कि इसकी पहली झलक देखने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, जिस कारण लाखों की संख्या में भक्त यहां दर्शन के लिए उमड़ते हैं। इस पंडाल की सुरक्षा व्यवस्था बेहद सख्त होती है और यहां लगने वाली भीड़ का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दर्शन के लिए लोग एक-दो दिन पहले से लाइन में लग जाते हैं। बप्पा के दर्शन के लिए देश की बड़ी-बड़ी जानी-मानी हस्तियों भी यहां आती हैं।
लालबागचा राजा, मुंबई
मुंबई की शान और गणेश उत्सव की आत्मा कहा जाने वाला लालबागचा राजा पंडाल देश भर में सबसे ज्यादा मशहूर है। इसकी खासियत है इसके ‘मूंगे की माला’ से सजे भगवान गणेश का 12 से 20 फुट ऊंचा भव्य स्वरूप। ऐसी मान्यता है कि इसकी पहली झलक देखने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, जिस कारण लाखों की संख्या में भक्त यहां दर्शन के लिए उमड़ते हैं। इस पंडाल की सुरक्षा व्यवस्था बेहद सख्त होती है और यहां लगने वाली भीड़ का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दर्शन के लिए लोग एक-दो दिन पहले से लाइन में लग जाते हैं। बप्पा के दर्शन के लिए देश की बड़ी-बड़ी जानी-मानी हस्तियों भी यहां आती हैं।
दगदुसेठ हलवाई गणपति, पुणे
महाराष्ट्र की सांस्कृतिक राजधानी पुणे का दगदुसेठ हलवाई गणपति मंदिर अपनी अटूट आस्था और सामाजिक संदेशों के लिए जाना जाता है। इसकी स्थापना श्री दगदुसेठ हलवाई ने की थी और आज यह दुनिया के सबसे धनी मंदिरों में से एक है। इस पंडाल की खासियत इसकी शानदार थीम-बेस्ड सजावट है। हर साल, यह पंडाल एक नई और चौंकाने वाली थीम (जैसे सामाजिक मुद्दे, पर्यावरण संरक्षण, ऐतिहासिक घटनाएं) लेकर आता है, जो क्रिएटिविटी का बेहतरीन नमूना पेश करती है और लोगों को जागरूक भी करती है।
खैराताबाद गणेश, हैदराबाद
तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में स्थित खैराताबाद गणेश पंडाल अपने विशाल गणपति प्रतिमा के लिए मशहूर है। यहां स्थापित की जाने वाली प्रतिमा की ऊंचाई अक्सर 60 से 70 फीट तक होती है, जिसे ‘बड़े गणपति’ के नाम से जाना जाता है। हैदराबाद के बीचों-बीच स्थित यह पंडाल शहर का एक लैंडमार्क बन जाता है। विसर्जन के दौरान इस विशाल प्रतिमा को देखने के लिए लाखों लोग जुटते हैं, जो एक अद्भुत और दिलचस्प नजारा होता है।
जीएसबी सेवा मंडल, मुंबई
मुंबई के किंग्स सर्कल इलाके में स्थित जीएसबी (गौड़ सारस्वत ब्राह्मण) सेवा मंडल का पंडाल अपनी शाही भव्यता और डिजाइन के लिए मशहूर है। इस पंडाल को दक्षिण भारतीय मंदिरों की शैली में सजाया जाता है, जहां सोने और चांदी के आभूषणों से सजी भगवान गणेश की प्रतिमा की खूबसूरती को शब्दों में बयां करना मुश्किल है। इसकी सजावट इतनी आकर्षक होती है कि यह पंडाल एक छोटे से स्वर्ग जैसा महसूस होता है। यहां की व्यवस्था और संगठन की तारीफ हर कोई करता है।
संतोष मित्र स्क्वेयर पंडाल, कोलकाता
बंगाल में दुर्गा पूजा की धूम के बीच गणेशोत्सव की एक अलग पहचान बनाने वाला संतोष मित्र स्क्वेयर पंडाल कोलकाता की रंगीनियों में चार चांद लगा देता है। यह पंडाल अपनी क्रिएटिविटी और थीम के लिए जाना जाता है। हर साल, यहां की समिति एक नया और अनोखा विषय चुनती है, जिसे कलाकार बेहद खूबसूरती और विस्तार से पंडाल की डिजाइन और मूर्ति में उतारते हैं। यह पंडाल पारंपरिक और आधुनिक कला का अनूठा संगम प्रस्तुत करता है।