उत्तराखंड
लोगों में बढ़ रहा इलेक्ट्रिक लालटेन और लैंप का शौक, बाजारों में बढ़ी मांग

कभी हर घर की जरूरत रहे लालटेन और लैंप, जो अब पहले जैसे नहीं दिखते, लेकिन नए तकनीकी और आधुनिक पैकिंग के साथ दोबारा बाजार में जगह बना रहे हैं। पहले मिट्टी के तेल से जलने वाले लालटेन और लैंप उजाले का मुख्य साधन होते थे। अब ये इलेक्ट्रिक और सोलर चार्जिंग मॉडल में बाजार में आ रहे हैं।
ग्रामीण इलाकों में जहां बिजली की आपूर्ति अनियमित रहती है, वहां इलेक्ट्रिक और सोलर चार्जिंग मॉडल की मांग तेजी से बढ़ी है। स्थानीय इलेक्ट्रिकल व्यापारी रमेश सिंह ने बताया कि अब लालटेन तेल से नहीं बल्कि बिजली और सोलर से चलते हैं। इनकी कीमत 400 से 1200 रुपये तक है। इनकी मांग लगातार बढ़ रही है। ग्राहक इन्हें खूब पसंद कर रहे हैं। व्यापारी विनोद जोशी ने बताया कि अब लालटेन और लैंप नई डिजाइन में आ रहे हैं। महिलाएं इन लाइटों को खरीदने में ज्यादा रुचि दिखा रही हैं।