6 तरह के कैंसर का कारण बन सकता है ब्लूम सिंड्रोम, आखिर क्या है ये बीमारी

हमारे शरीर को सही तरह से काम करने के लिए कई सिस्टम का सही होना बहुत जरूरी है। कभी-कभी कुछ लोग ऐसी बहुत ही गंभीर बीमारियों के साथ पैदा होते हैं, जिनके बारे में ज्यादातर लोगों को पता नहीं होता है। ऐसी ही एक बीमारी है ब्लूम सिंड्रोम । हालांकि ये बीमारी बहुत कम लोगों में पाई जाती है। दुनिया भर में इसके मामले गिने-चुने ही हैं।
इनमें सबसे आम है कद यानी कि हाइट का छोटा रह जाना। वहीं चेहरे और कान की बनावट में बदलाव, बार-बार इंफेक्शन होना और धूप से तुरंत असर पड़ना शामिल है। धीरे-धीरे बढ़ती उम्र के साथ ये स्थिति और भी गंभीर हो जाती है। इसके लक्षण भी अलग-अलग लोगों में अलग तरह से सामने आते हैं। ब्लूम सिंड्रोम को लेकर जानकारी रखना जरूरी है ताकि समय रहते सही देखभाल और जरूरी जांचें की जा सकें। आज हम आपको के बारे में विस्तार से जानकारी देने जा रहे हैं।
ब्लूम सिंड्रोम क्या है?
क्लीवलैंड क्लीनिक के मुताबिक, ब्लूम सिंड्रोम एक रेयर जेनेटिक बीमारी है, जो शरीर के कई सिस्टम को प्रभावित करती है। इस बीमारी वाले लोगों में संक्रमण (इंफेक्शन), बहुत धीमी वृद्धि (ग्रोथ), धूप से होने वाली समस्या और कैंसर होने का खतरा ज्यादा रहता है। इसे ब्लूम-टोरे-माचेसेक सिंड्रोम और कॉन्जेनिटल टैलेंजिएक्टैटिक एरिथेमा भी कहा जाता है।
कैसे करता है प्रभावित?
ब्लूम सिंड्रोम से पीड़ित लोग छोटे कद के हो सकते हैं। उनका चेहरा पतला, कान बड़े और आवाज तेज यानी कि हाई-पिच वाली हो सकती है। साथ ही इनमें कुछ बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, जैसे-
- COPD (फेफड़ों से जुड़ी बीमारी)।
- बार-बार होने वाले इंफेक्शन।
- इंसुलिन रेजिस्टेंस और डायबिटीज।
- धूप में निकलने पर रैशेज पड़ना।