उत्तर प्रदेश

अयोध्या : राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के वरिष्ठ सदस्य राजा अयोध्या नहीं रहे

बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के अनुसार गठित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के पहले वरिष्ठ सदस्य राजा अयोध्या के नाम से मशहूर अयोध्या राज परिवार के अगुआ बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र का शनिवार रात 11 बजे के बाद आकस्मिक निधन हो गया। अयोध्या धाम में अपने राज सदन (राजमहल) में उन्होंने अंतिम सांस ली। नजदीकी लोग और प्रशासनिक अमला देर रात उनको अंतिम प्रणाम करने के लिए पहुंच गया। उनके निधन से अयोध्या में शोक की लहर दौड़ गई।

समूची अयोध्या में राजा साहब के रूप में जाने और पहचाने जाने वाले बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र को कुछ महीने पहले पैर में चोट आ गई थी। इसका ऑपरेशन भी हुआ था। इसके बाद से उनकी सक्रियता कुछ कम हो गई थी। राम मंदिर ट्रस्ट के वरिष्ठ सदस्य बहुजन समाज पार्टी से अयोध्या लोकसभा क्षेत्र से चुनाव भी लड़ चुके हैं।

उत्तर प्रदेश से लेकर भारत सरकार के वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों और राजनेताओं से उनके नजदीकी संबंध रहे। उनके पुत्र यतींद्र मोहन प्रताप मिश्र प्रख्यात संगीत अध्येता और कवि है। प्रख्यात गायिका लता मंगेशकर पर उन्होंने लता सुर गाथा नामक प्रसिद्ध पुस्तक लिखी। इस पर उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला।

जब राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फाइनल फैसला आया, तब प्रधानमंत्री मोदी की ओर से सबसे पहले वरिष्ठ सदस्य बिमलेंद्र ही चुने गए। तब तक श्रीराम जन्मभूमि परिसर के रिसीवर रहे अयोध्या के कमिश्नर की ओर से पहला चार्ज उन्हें ही सौंपा गया। वह श्री प्रताप धर्म सेतु ट्रस्ट के अध्यक्ष भी थे।

लगभग 75 वर्ष की आयु में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके अनुज और पूर्वांचल के सबसे बड़े महाविद्यालय साकेत कॉलेज के प्रबंध समिति के संरक्षक शैलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र चुन्नू ने देर रात अमर उजाला को बताया कि रात 11:00 बजे अचानक राजा अयोध्या का ब्लड प्रेशर डाउन हो गया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button