उत्तर प्रदेश

यूपी: होटल में 55 विधायकों की बैठक,अधिकतर थे ठाकुर

लखनऊ में सोमवार को कुंदरकी विधायक रामवीर सिंह की ओर से दी गई दावत लखनऊ से लेकर मुरादाबाद तक चर्चाओं में है। जब इसके सियासी मायने निकाले जाने लगे तो कुंदरकी विधायक रामवीर सिंह को फेसबुक पर पोस्ट कर सफाई देनी पड़ी।
उन्होंने खुद को सर्व समाज के लिए सक्रिय रहने वाला बताते हुए कुटुंब परिवार का कार्यक्रम आयोजित करने से इन्कार किया है। कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में रिकॉर्ड मतों से जीतने वाले विधायक रामवीर सिंह पिछले तीन दिनों से सूबे की सियासत की सुर्खियां बने हुए हैं।
लखनऊ में उनकी मौजूदगी में हुए कुटुंब परिवार का कार्यक्रम सोशल मीडिया पर तरह-तरह की चर्चाओं के साथ वायरल हो रहा है। कार्यक्रम में एक साथ 40 विधायकों के जुटने पर भाजपा में भी सियासी हलचल पैदा हो गई है। हालांकि इस संबंध में जिले के नेता कुछ भी बोलने से बचते रहे लेकिन इनके बीच इस दावत की बात खूब हो रही है।

विधायकों का कहना है कि कुंदरकी विधायक रामवीर सिंह की ओर से यह आयोजन किया गया था। जीत की खुशी में उन्होंने सभी को जलपान पर बुलाया था। वहीं कुछ का कहना है कि रामवीर सिंह की पोती का जन्मदिन था। इस आयोजन का कोई राजनीतिक मकसद नहीं था।
फिलहाल विधायक रामवीर सिंह ने भी फेसबुक पर अपनी बात लिखकर लंबी चौड़ी सफाई दी है। उन्होंने कहा कि पोती के जन्मदिन पर दी गई दावत को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है। सोशल मीडिया पर गलत ढंग से इसे प्रचारित किया जा रहा है। यह छवि बिगाड़ने के लिए दुष्प्रचार है।

फेसबुक पर कुंदरकी विधायक रामवीर सिंह की पोस्ट
सोमवार को मेरी पोती के जन्मदिन पर मेरे शुभचिंतकों द्वारा एक पार्टी का आयोजन किया गया था। उस पार्टी में मेरे पारिवारिक मित्र और घर-परिवार के लोग शामिल हुए। हालांकि इस पारिवारिक आयोजन को कुछ मीडिया संस्थानों ने राजनीतिक और जातीय रंग देने की भरपूर कोशिश की है जो सही नहीं है।
मैं राजनीतिक जीवन में सर्व समाज के लिए काम करता हूं और जिस पार्टी का मैं प्रतिनिधित्व करता हूं उसमें जातीय राजनीति की कोई जगह नहीं है। दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय की परिकल्पना को साकार करने के लिए मैं राजनीति में आया हूं और इसी विचारधारा के साथ संकल्पित रहूंगा।

इसलिए हो रही चर्चा
सियासी गलियारों में इसकी चर्चा इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव में ठाकुरों की नाराजगी की बात भी सामने आई थी। ऐसे में आगे राजनीति में इस वर्ग की अनदेखी न हो, इसके लिए भी इस बैठक को एक इशारे के तौर पर देखा जा रहा है।

नौ महीने में 11 बार सीएम से मुलाकत भविष्य में मंत्री पद मिलने की चर्चा
कुंदरकी उपचुनाव जीतने के बाद विधायक रामवीर सिंह अब तक करीब हर महीने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लखनऊ में मिल रहे हैं। पिछले नौ महीने में वह 11 बार सीएम से मुलाकात कर चुके हैं। इन मुलाकातों की भी लखनऊ की सियासत में काफी चर्चा है। भविष्य में रामवीर सिंह के मंत्री बनने के कयास भी दमदार तरीके से लगाए जा रहे हैं।

1.44 लाख वोटों से उपचुनाव जीतकर चर्चाओं में आए विधायक रामवीर
पिछले साल नवंबर में कुंदरकी सीट पर हुए उपचुनाव में रिकॉर्ड मतों से जीत दर्जकर विधायक रामवीर सिंह चर्चाओं में आ गए थे। मुस्लिम बहुल सीट पर सपा उम्मीदवार पूर्व विधायक हाजी रिजवान को 1,44,791 मतों से हराया था। कुंदरकी विधानसभा सीट के 57 साल के इतिहास में यह सबसे बड़ी जीत रही। इस सीट पर भाजपा को 31 साल बाद जीत मिली थी।

यह था मामला

सोमवार को लखनऊ के एक होटल में विधानसभा सत्र के बाद 55 विधायक पहुंचे थे। वहां पर ‘कुटुंब परिवार’ का बैनर भी लगाया गया था जिसपर कार्यक्रम के आयोजक के तौर पर कुंदरकी के विधायक ठाकुर रामवीर सिंह और एमएलसी डॉ. जयपाल सिंह व्यस्त का नाम लिखा गया था। बैनर पर दोनों नेताओं के फोटो भी लगे थे।
आयोजन में शामिल विधायकों में अधिकांश क्षत्रिय थे। गिने चुने विधायक ही दूसरी जाति के थे। चर्चा है कि अभिजीत सांगा, एमएलसी शैलेंद्र प्रताप सिंह सहित कई भाजपा विधायक शामिल हुए। वहीं सपा से निष्कासित राकेश प्रताप सिंह, अभय सिंह भी दावत में गए थे।

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