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Jasprit Bumrah की आगे की राह होने वाली है कठिन, एशिया कप में खेलने पर संदेह

भारत के मुख्य तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की जगह शुभमन गिल का कप्तान बनना, फिर उनका इस सीरीज में सिर्फ तीन मैच खेलने का निर्णय लेना, इस टूर्नामेंट के लिए टीम चयन के बाद मुख्य चयनकर्ता अजित अगरकर का ये कहना कि वह कार्यभार प्रबंधन के कारण इंग्लैंड के विरुद्ध सिर्फ तीन मैच खेलेंगे और गुरुवार को सहायक कोच रेयान टेन डोएशे का यह कहना कि बुमराह ने पहले ही यह कह दिया था कि वह तीन टेस्ट मैच खेलेंगे बड़े सवाल खड़े करता है।

बुमराह ने लीड्स में पहला टेस्ट खेला और बर्मिंघम में आराम किया। इसके बाद वह ला‌र्ड्स और मैनचेस्टर में खेलने उतरे। ओवल स्टेडियम में चल रहे आखिरी टेस्ट में बुमराह को खिलाने को लेकर भारतीय कप्तान शुभमन गिल और कोच गौतम गंभीर ने आखिरी तक इंतजार किया लेकिन बुमराह तीन मैच खेलने के फैसले पर अडिग रहे। इसके बाद उन्हें शुक्रवार को टीम से रिलीज कर दिया गया।

अब सवाल यह उठता है कि जब बुमराह को तीन ही टेस्ट खेलने थे तो उन्हें मैनचेस्टर के बाद ही क्यों नहीं रिलीज कर दिया गया। वह ओवल में भारत के अभ्यास सत्र में क्यों आए और जिस तरह चोटिल होने के बावजूद बेन स्टोक्स अपनी टीम का उत्साहवर्धन बढ़ा रहे हैं, वैसा बुमराह क्यों नहीं कर सकते थे?

29 जुलाई को जब भारतीय टीम के बल्लेबाजी कोच सितांशु कोटक आए थे तो उन्होंने कहा था कि बुमराह फिट हैं। उन्होने पिछले मैच में सिर्फ एक पारी में गेंदबाजी की थी। मुख्य कोच, फिजियो और कप्तान उनको खिलाने को लेकर चर्चा करेंगे। इससे पहले जितनी भी प्रेस कांफ्रेंस हुईं उसमें यही संकेत दिए गए कि इस तेज गेंदबाज को तीन मैच खिलाने का फैसला टीम प्रबंधन का है लेकिन जैसे ही ये तय हो गया कि बुमराह आखिरी मैच नहीं खेलेंगे तब डोएशे ने कहा कि सिर्फ तीन मैच खेलने का निर्णय बुमराह का है।

एक सूत्र ने कहा कि आखिर कोई क्रिकेटर कैसे ये फैसला ले सकता है कि वह कितने मैच खेलेगा। यह फैसला तो टीम प्रबंधन और फिजियो की रिपोर्ट के आधार पर होना चाहिए। जब कोटक ये कह रहे थे कि बुमराह फिट हैं तो उन्हें सीरीज के निर्णायक मैच में खेलना चाहिए था। अब देखना होगा गंभीर और चयनकर्ता बुमराह को आगे किन किन सीरीज में खिलाते हैं।

कार्यभार प्रबंधन या जिद
इंग्लैंड के मौजूदा दौरे पर 31 वर्षीय बुमराह ने तीन मैचों में 119.4 ओवर फेंके और 14 विकेट लिए। उन्होंने इस सीरीज में दो बार पांच-पांच विकेट लिए। उन्होंने मैनचेस्टर में अपने करियर में पहली बार एक पारी में 100 से अधिक रन दिए। बुमराह के नाम अब 48 टेस्ट में 219 विकेट हैं। भारतीय टीम के इंग्लैंड दौरे से पहले ही अगरकर ने कहा था कि बुमराह अपने कार्यभार प्रबंधन के तहत सिर्फ तीन टेस्ट मैच ही खेलेंगे।

हालांकि, दौरा खत्म होते-होते यह संकेत मिलने लगे कि टीम प्रबंधन चाहता था कि बुमराह और खेलें। भारत को अपना अगला अंतरराष्ट्रीय मैच एशिया कप में खेलना है। यूएई में होने वाले इस टूर्नामेंट के खत्म होने के एक सप्ताह से भी कम समय के बाद वेस्टइंडीज के विरुद्ध अगली टेस्ट सीरीज शुरू हो जाएगी। एशिया कप 29 सितंबर को खत्म होगा और वेस्टइंडीज के विरुद्ध पहला टेस्ट दो अक्टूबर से अहमदाबाद में शुरू होगा। इसके बाद दूसरा मैच 10 से 14 अक्टूबर तक नई दिल्ली में खेला जाएगा।

फिर नवंबर में दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध दो टेस्ट मैच हैं। अब भारतीय टीम प्रबंधन की सबसे बड़ी चुनौती है बुमराह का कार्यभार प्रबंधन। टीम को तय करना है कि बुमराह को टी-20 में खिलाना है या टेस्ट मैच में चुनना है। अगले साल भारत को घर में ही टी-20 विश्व कप भी खेलना है।

सवाल यह उठता है कि क्या हमें वेस्टइंडीज के विरुद्ध बुमराह की जरूरत है या वह एक महीने के ब्रेक के बाद एशिया कप खेलें और फिर दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध दो टेस्ट मैच खेलें। हालांकि उससे बड़ा सवाल यह है कि यह फैसला अजीत अगरकर और गौतम गंभीर लेंगे या बुमराह खुद तय करेंगे।

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