जीवनशैली

अगर शरीर दे रहा है ये 5 सिग्नल, तो समझ जाएं शुरू हो रही है दिमाग से जुड़ी कोई परेशानी

अक्सर हम अपने दिमाग से जुड़ी परेशानियों की तरफ देर से ध्यान देते हैं। दिमाग से जुड़ी कोई भी परेशानी होने पर हमारा शरीर हमें सिग्नल (Signs of Brain Disorder) देने लगता है, जिन्हें इग्नोर करना भारी पड़ सकता है।

दरअसल, ये लक्षण (Symptoms of Brain Disorder) शुरुआत में काफी मामूली नजर आते हैं। इसके कारण लोग इन्हें नजरअंदाज कर देते हैं और ये आगे चलकर गंभीर रूप ले सकते हैं। आइए जानें ब्रेन डिसऑर्डर के संकेत कैसे होते हैं।

लगातार छोटी-छोटी चीजें भूलना
अक्सर चाबी, मोबाइल या किसी जरूरी काम को भूल जाना सामान्य हो सकता है, लेकिन यदि यह समस्या बार-बार होने लगे, तो यह चिंता का कारण है। यह अल्जाइमर या डिमेंशिया जैसी बीमारियों का शुरुआती संकेत हो सकता है। अगर कोई व्यक्ति हाल की घटनाओं को याद नहीं रख पाता या बार-बार एक ही सवाल पूछता है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

ब्रेन फॉग
ब्रेन फॉग एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति को फोकस करने, सोचने या फैसले लेने में दिक्कत होती है। यह थायरॉइड, डिप्रेशन, नींद की कमी या पोषण की कमी के कारण हो सकता है। अगर आपको लगातार मन भारी रहता है, काम में मन नहीं लगता या सोचने-समझने में परेशानी होती है, तो यह भी दिमाग से जुड़ी किसी समस्या का संकेत हो सकता है।

लगातार सिरदर्द
सिरदर्द आम समस्या है, लेकिन अगर यह बार-बार और तेज होता है, तो यह माइग्रेन, ब्रेन ट्यूमर या हाई ब्लड प्रेशर का संकेत हो सकता है। अगर सिरदर्द के साथ उल्टी, धुंधला दिखना या बेहोशी जैसे लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

चक्कर आना या बैलेंस बिगड़ना
चक्कर आना या शरीर का बैलेंस बिगड़ना इनर ईयर की समस्या, न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर या स्ट्रोक का संकेत हो सकता है। अगर आपको बिना किसी वजह के चक्कर आते हैं या चलते समय लड़खड़ाहट महसूस होती है, तो यह मल्टीपल स्क्लेरोसिस (MS) या पार्किंसंस डिजीज का लक्षण भी हो सकता है।

धुंधला दिखाई देना
अचानक धुंधला दिखना या दृष्टि में बदलाव माइग्रेन, डायबिटीज या ब्रेन ट्यूमर से जुड़ा हो सकता है। कभी-कभी यह ऑप्टिक नर्व डैमेज का भी संकेत देता है। अगर आपको लगातार आंखों से धुंधला दिख रहा है, तो भी डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।

ब्रेन डिसऑर्डर के ये लक्षण कभी-कभी मामूली लग सकते हैं, लेकिन इन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। अगर आप या आपके परिवार में कोई इनमें से किसी भी लक्षण का सामना कर रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। समय पर जांच और इलाज से परेशानी को गंभीर रूप लेने से रोका जा सकता है।

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