उत्तराखंड

‘धाकड़’ सीएम धामी को कमजोर करने की साजिश ?

  • प्रतिबंध के बावजूद केदारनाथ में उड़ाया था हेलीकॉप्टर
  • इस यात्रा में सवार थी चर्चित महिला

देहरादून : केदारनाथ में हेलीकॉप्टर सेवा पर डीजीसीए और यूकाडा द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के बावजूद जिस तरह हेलीकॉप्टर को ले जाया गया, उससे लगता है कि प्रदेश के धाकड़ सीएम धामी को कमजोर दिखाने की साजिश ज्यादा नजर आ रही है। इस साजिश में सीएम के विरोधी नेताओं का हाथ होने की पूरी संभावना है। ये सीएम के विरोधी लगातार सीएम पर मौका देखकर उनके खिलाफ मोर्चाबंदी करते रहते है।

धाकड़ सीएम धामी

उत्तराखंड में हेली सेवा का संचालन गुप्ता बंधुओं की कंपनी के माध्यम से होता है। इस हेली सेवा को हेलीकॉप्टर दुर्घटना ग्रस्त होने की घटनाओं के बाद प्रदेश सरकार बंद करने का आदेश जारी किया है। इस आदेश को ताक पर रखते हुए एक प्राइवेट कंपनी ने नियमों को ठेंगा दिखाते हुए हेलीकॉप्टर उड़ाया था इस हेलीकॉप्टर में एक बदरी केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष के साथ वीआईपी व एक चर्चित महिला भी सवार थी। यह महिला बदरी केदार नाथ मंदिर के रावल पर भी आरोप लगाकर उनको रावल पद से हटवा चुकी है। इस यात्रा में चर्चित महिला होने के कारण राजनैतिक मतलब निकलने शुरु हो गए है।

यह भी पढ़ें- उत्तराखंड में भ्रष्टाचारियों की खैर नहीं: सरकार सख्त

सूत्रों का कहना है कि बदरी नाथ मंदिर के रावल को इस महिला ने अपने जाल में फंसाया था और रावल का पैसा अन्य कारोबार में लगाया था। जब रावल को महिला के बारे में पूरी जानकारी हुई तो उनका महिला से विवाद हुआ और महिला ने रावल को दिल्ली बुलाया और उन पर आरोप लगाकर रावल को मंदिर से चलता करा दिया था। अब यहीं महिला बदरी केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी और उनके उद्योगपति साथियों के हेलीकॉप्टर में सवार होकर गई थी।

बदरी केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष के साथ इस महिला के होने के कारण यह पूरा प्रकरण सरकारी नियमों को ताक पर रखने के साथ राजनैतिक होता जा रहा है।

प्रदेश के सीएम पुष्कर सिंह धामी की छवी एक धाकड़ सीएम की है। उनके द्वारा जिस तरह प्रदेश में बैटिंग की जा रही है, उससे कई वरिष्ट नेता अपने को कुंठित महसूस करते है। सूत्रों का कहना है कि ये वरिष्ठ नेता पार्टी में अनुशासन के कारण खुलकर तो कभी नही बोलते, लेकिन समय-समय पर सीएम के खिलाफ राजनैतिक खेल- खेलने के लिए शंतरंज की गोटिया जरुर बैठाते रहते है।

केदारनाथ में अनुमति नहीं होने के बावजूद भी हेलीकॉप्टर उड़ाया गया। उड़ान के बाद मौसम बिगड़ा और हेलीकॉप्टर वहीं अटका रहा। इस प्रकरण के सुर्खिया बनने के बाद जांच शुरु की गई है और जांच अधिकारी संजय टोलिया ने कहा कि यह हेली कंपनी की चूक है। उसने एसओपी और डीजीसीए की गाइडलाइन्स को दरकिनार किया। वहीं यूकाडा ने हेलीकॉप्टर ऑपरेटर को नोटिस जारी किया है, और कार्रवाई की बात कही है। बदरी केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा था कि मैंने बुकिंग की थी, बाकी मुझसे मत पूछिए। कागज-पत्र और परमिशन कंपनी जाने।

अब जांच रिपोर्ट कुछ भी आएं और किसके खिलाफ कार्रवाई होगी, यह अलग विषय है, लेकिन इस हैलीकॉप्टर को केदारनाथ प्रतिबंध के बावजूद उड़ाने में राजनैतिक संडाघ जरुर आने लगी है।

  • दैनिक जनवाणी से साभार

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button