देश-विदेश

भारत ने ईरानी परमाणु ठिकानों पर हमले पर जताई चिंता, राजदूत बोले- हर संभव सहायता देने को तैयार

ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की विशेष बैठक हुई। इसमें भारत की ओर से ऑस्ट्रिया में भारतीय राजदूत शंभू एस कुमारन ने भाग लिया और बयान दिया। उन्होंने कहा कि भारत मध्य पूर्व में बिगड़ती स्थिति, खासकर ईरान में परमाणु ठिकानों पर हुए हमले को लेकर चिंतित है। उन्होंने कहा, ‘भारत हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है।’

वियना में भारतीय दूतावास ने एक्स पर राजदूत के बयान को साझा किया और लिखा, ‘ईरान में कई परमाणु सुविधाओं पर हमलों सहित मध्य पूर्व में बिगड़ती स्थिति पर भारत ने गहरी चिंता व्यक्त की।’ राजदूत ने कहा कि ऐसे हमलों से आम लोगों की सेहत और पर्यावरण को बड़ा नुकसान हो सकता है, इसलिए परमाणु ठिकानों की सुरक्षा सबसे जरूरी है।

सभी देशों से संयम बरतने की अपील की
राजदूत कुमारन ने सावधानी बरतने की आवश्यकता पर जोर दिया और IAEA से अनुरोध किया कि वह इन परमाणु ठिकानों को हुए नुकसान और वहां की विकिरण की स्थिति की रिपोर्ट बोर्ड को देता रहे। साथ ही, उन्होंने सभी देशों से संयम बरतने की अपील की ताकि कोई और नुकसान न हो।

IAEA महानिदेशक ने भी परमाणु ठिकानों पर हमले पर चिंता व्यक्त की
IAEA के महानिदेशक राफेल मारियानो ग्रॉसी ने बोर्ड ऑफ गवर्नर्स को दिए अपने परिचयात्मक वक्तव्य में ईरानी परमाणु ठिकानों पर हमले से संबंधित चल रहे संघर्ष पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, ‘हम आज एक गंभीर संघर्ष के बीच बैठक कर रहे हैं, जिसमें तीन आईएईए सदस्य देश शामिल हैं, जिसके दौरान ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले हो रहे हैं।

महानिदेशक की चेतावनी- वैश्विक परमाणु सुरक्षा व्यवस्था को खतरे में डाल सकता है संघर्ष
महानिदेशक ने चेतावनी दी कि यह संघर्ष वैश्विक परमाणु सुरक्षा व्यवस्था को खतरे में डाल सकता है। उन्होंने कहा कि कूटनीति के लिए अभी भी एक रास्ता है। हमें इसे अपनाना होगा, अन्यथा हिंसा और विनाश अकल्पनीय स्तर तक पहुंच सकता है। उन्होंने कहा कि वैश्विक अप्रसार व्यवस्था जो आधी सदी से भी अधिक समय से अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा का आधार बनी हुई है, वह ढह सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि ईरान, इस्राइल और पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र में शांति बहुत जरूरी है।

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