राजनीति

समाजवादी पार्टी ने तीन विधायकों को दिखाया बाहर का रास्ता, राज्यसभा चुनाव में किया था भाजपा का समर्थन!

सपा से निष्कासित तीनों विधायकों के पास दूसरे दलों में जाने का रास्ता खुल गया है। विधायक मनोज कुमार पांडेय को सरकार में मंत्री पद मिलने के भी कयास लगाए जा रहे हैं। वह पूर्व में मंत्री रहे हैं। क्रास वोटिंग के बाद लोकसभा चुनाव में उनको भाजपा से टिकट मिलने की बहुत चर्चाएं चली थीं। गृहमंत्री अमित शाह उनके घर भी गए थे, जिसके बाद उन्होंने खुलकर भाजपा प्रत्याशी के लिए प्रचार किया था। अब अन्य दो विधायक भी इसी तरह की उम्मीद लगाए हैं।

समाजवादी पार्टी ने राज्यसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में क्रास वोटिंग करने वाले तीन विधायकों पर डेढ़ वर्ष बाद कार्रवाई की है। पार्टी ने रायबरेली के ऊंचाहार से विधायक मनोज पांडेय, अयोध्या के गोसाईगंज से विधायक अभय सिंह और अमेठी के गौरीगंज विधायक राकेश प्रताप सिंह को पार्टी से निष्कासित कर दिया है।

समाजवादी पार्टी ने सोमवार को एक्स हैंडल पर इनके निष्कासन की जानकारी दी और लिखा कि ‍इनको जनहित में बाहर किया गया। हालांकि क्रास वोटिंग करने वाले अन्य पार्टी के चार विधायकों और राज्यसभा के मतदान में अनुपस्थित रहने वाली एक विधायक पर अभी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। माना जा रहा है कि पंचायत चुनाव की रणनीति के तहत यह फैसला किया गया है।

फरवरी 2024 में हुए राज्यसभा चुनाव में दस सीटों पर भाजपा ने आठ प्रत्याशियों को मैदान में उतारा था, जबकि समाजवादी ने तीन प्रत्याशी लड़ाए थे। चुनाव के दौरान सपा से विधायक पूर्व मंत्री मनोज कुमार पांडेय, राकेश प्रताप सिंह व अभय सिंह के साथ विनोद चतुर्वेदी, राकेश पांडेय, पूजा पाल व आशुतोष मौर्य ने भाजपा के पक्ष में क्रास वोटिंग की थी। पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति की पत्नी विधायक महाराजी देवी मतदान से अनुपस्थित रही थीं। जिसके कारण चलते सपा प्रत्याशी आलोक रंजन को हार का सामना करना पड़ा था, जबकि भाजपा के आठवें प्रत्याशी संजय सेठ को विजय मिली थी।

इसके बाद लोकसभा चुनावों से लेकर अब तक मनोज कुमार पांडेय, अभय सिंह और राकेश प्रताप सिंह सहित अन्य कई विधायक भाजपा के समर्थन में ही हैं। सोमवार को सपा की ओर से एक्स पर लिखा गया कि सांप्रदायिक व ‘पीडीए विरोधी’ विचारधारा का साथ देने के कारण तीनों विधायकों को निष्कासित किया गया है। इनको हृदय परिवर्तन के लिए समय दिया गया था, अब उसकी सीमा समाप्त हो गई है। आगे भी पार्टी की विचारधारा के विरुद्ध काम करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।

पार्टी ने यह भी साफ कर दिया है कि शेष पांच विधायकों के लिए पश्चाताप की समय सीमा अभी शेष है। पार्टी से जुड़े सूत्रों के अनुसार पंचायत चुनाव से पहले पार्टी अपने समर्थकों के बीच बागी विधायकों को लेकर स्थिति स्पष्ट करना चाहती है। इसी कारण तीन पर कार्रवाई की गई है, शेष को एक तरह से माफी मिल गई है। इस माफी के सहारे पार्टी अंदरखाने अगड़ों ओर पीडीए के साथ का भी संदेश पहुंचाएगी।

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