उत्तराखंड

केदारनाथ: तीन साल में आर्यन हेली कंपनी का दूसरा हेलिकॉप्टर हुआ क्रैश, अनहोनी की वजह एक ही

केदारनाथ यात्रा में बीते तीन वर्ष में आर्यन हेली एविएशन का दूसरा हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ है। इससे पूर्व 18 अक्तूबर 2022 को केदारनाथ से गुप्तकाशी के लिए टेकऑफ किया था और गरुडचट्टी के समीप क्रैश हो गया था। इस हादसे में भी पायलट सहित सात लोगों की मौत हेा गई थी।

वर्ष 2018 में आर्यन हेली एविएशन के साथ आर्मी एविएशन से सेवानिवृत्त हुए लेफ्टिनेंट कर्नल 57 वर्षीय अनिल सिंह पायलट की जिम्मेदारी निभा रहे थे। यह उनकी आखिरी उड़ान थी और उसके बाद उन्हें अपने घर वापस लौटना था। लेकिन हेलिकॉप्टर क्रैश होने से उनकी दर्दनाक मौत हो गई थी।

इधर, रविवार को भी आर्यन हेली एविएशन के पायलट सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल राजवीर सिंह चौहान ने जैसे ही केदारनाथ से गुप्तकाशी के लिए टेकऑफ किया, कुछ ही दूरी तय कर हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया। यह, अनहोनी ही है कि दोनों हेलिकॉप्टर क्रैश होने का बड़ा कारण अचानक छाया घना कोहरा रहा।

रुद्रप्रयाग के गौरीकुंड क्षेत्र में रविवार सुबह आर्यन कंपनी का एक हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया। हेलिकॉप्टर में सवार सभी यात्री केदारनाथ से दर्शन कर गुप्तकाशी लौट रहे थे।

हादसा सुबह करीब साढ़े पांच बजे हुआ। हेलिकॉप्टर नोडल अधिकारी राहुल चौबे ने बताया कि अधिक कोहरा होने पर विजिबिलिटी शून्य थी। ऐसे में हेलिकॉप्टर कुछ ही दूरी पर जाकर क्रैश हो गया और उसमें आग लग गई।

दर्दनाक हादसे में मृतकों में 23 महीने की बच्ची भी शामिल है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीमें भी पहुंच गई हैं। अगले आदेश तक हेलिकॉप्टर सेवा रोक दी गई है।

हेलिकॉप्टर दुर्घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हेलिकॉप्टर संचालन को लेकर कड़े निर्देश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में हेली सेवाओं के संचालन के लिए सख्त एसओपी तैयार की जाए, जिसमें हेलिकॉप्टर की तकनीकी स्थिति की पूर्ण जांच और उड़ान से पूर्व मौसम की सटीक जानकारी लेना अनिवार्य किया जाए।

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