उत्तर प्रदेश

बांकेबिहारी मंदिर कॉरिडोर के निर्माण का प्रस्ताव पास, निगम की बैठक में हंगामा

मथुरा: बैठक में पार्षदों ने एक स्वर में बांकेबिहारी के जयकारे लगाए। साथ ही कहा कॉरिडोर निर्माण समय की आवश्यकता है। हालांकि श्रीबांकेबिहारी क्षेत्र के पार्षद घनश्याम चौधरी ने इसका विरोध जताया है।

मथुरा में नगर निगम की बैठक में सोमवार को श्रीबांकेबिहारी की जयघोष के साथ प्रस्तावित श्रीबांकेबिहारी कॉरिडोर निर्माण का मौखिक रूप से प्रस्ताव पास हो गया है। अधिकतर पार्षदों ने सरकार की इस योजना का समर्थन किया, जबकि श्रीबांकेबिहारी मंदिर क्षेत्र के पार्षद घनश्याम चौधरी ने पुरजोर इसका विरोध किया। फिर घनश्याम चौधरी और अन्य पार्षदों में नोकझोंक शुरू हो गई और हंगामा होने लगा। बैठक का माहौल बिगड़ता देख महापौर ने पार्षदों को शांत कराया। पार्षद बोले मथुरा-वृंदावन का बच्चा-बच्चा कॉरिडोर निर्माण चाहता है।

यह बैठक मसानी तिराहे के निकट एक निजी होटल में आयोजित की गई। इस दौरान में महापौर विनोद अग्रवाल, नगर आयुक्त जग प्रवेश समेत सभी वार्डों के पार्षद मौजूद रहे। इस दौरान महापौर विनोद अग्रवाल ने कहा है कि श्रीबांकेबिहारी जी के दर्शन के लिए हर साल श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। इसलिए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर श्रीबांकेबिहारी कॉरिडोर निर्माण का प्रस्ताव रखा है। उन्होंने कहा है कि मथुरा-वृंदावन के लोगों को महीनों गुजर जाते हैं, लेकिन आराध्य के सुगमता से दर्शन नसीब नहीं होते हैं। इसका मुख्य कारण श्रीबांकेबिहारी मंदिर में भीड़ का दबाव है।

श्रद्धालुओं की भीड़ को देखकर स्थानीय लोग मंदिर जाने में संकोच करते हैं। यहीं नहीं उन्होंने कई ऐसे उदाहरण दिए, जो मंदिर की अव्यवस्थाओं के चलते श्रद्धालुओं को परेशानी झेलनी पड़ी है। इससे मथुरा के लोगों को अधिक कष्ट होता है। साथ ही कहा है कि भीड़ के दबाव के कारण व्यापार को भी चपत लग रही है। भीड़ के दबाव के कारण श्रद्धालु दुकानों पर रुकने की वजह बाहर निकलने का प्रयास करते हैं। बिना कुछ खरीदारी किए श्रद्धालु चले जाते हैं। इसका खामियाजा व्यापारियों को भुगतना पड़ रहा है। इसलिए श्रीबांकेबिहारी कॉरिडोर का निर्माण समय की आवश्यकता है।

महापौर की इस बात पर सभी पार्षदों ने एक स्वर में बांकेबिहारी के जयकारे लगाए। साथ ही कहा कॉरिडोर निर्माण समय की आवश्यकता है। हालांकि श्रीबांकेबिहारी क्षेत्र के पार्षद घनश्याम चौधरी ने इसका विरोध जताया है। उनका कहना है कि कॉरिडोर निर्माण से वृंदावन की कुंज गलियां समेत पुरातन संस्कृति नष्ट हो जाएगी। साथ ही सैकड़ों लोग प्रभावित होंगे। घनश्याम चौधरी के विरोध के बाद मौजूद अन्य पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया और घनश्याम को चारों तरफ से घेर लिया। माहौल बिगड़ता देख महापौर ने पार्षदों का शांत कराया। इस दौरान पार्षद दल के नेता बालकिशन चतुर्वेदी, नीनू कुंजबिहारी भारद्वाज, नीरज वशिष्ट, ब्रजेश खरे, राजवीर सिंह, तेजवीर सिंह, संतोष पाठक, राकेश भाटिया और राकेश यादव समेत अन्य पार्षद मौजूद रहे।

गोस्वामियों को बिहारपुरा में आवास दिलाने का हो रहा प्रयास
महापौर विनोद अग्रवाल ने कहा है कि गोस्वामी समाज की मांगों के अनुरूप ही कॉरिडोर का निर्माण कराया जाएगा। इससे प्रभावित होने वाले किसी का भी अहित नहीं होगा। प्रशासन इसकी प्रक्रिया में लगा है। साथ ही कहा कि गोस्वामी बिहारपुरा में आवास चाहते हैं तो इसका भी हल निकाला जाएगा। उन्होंने साफ-साफ कहा है कि गोस्वामी समाज के लोग किसी भी अफवाह पर ध्यान नहीं दें। पार्षद इसमें सहयोग करेंगे।

बांकेबिहारी क्षेत्र में और विकास की आवश्यकता
महापौर ने कहा है कि कॉरिडोर निर्माण के अलावा श्रीबांकेबिहारी क्षेत्र में और विकास की आवश्यकता है। इसमें उन्होंने सभी पार्षदों का सहयोग मांगा है। कहा है कि पिछले सात सालों में नगर निगम क्षेत्र में अधिक से अधिक विकास हुआ है। भले ही मथुरा-वृंदावन नगर निगम इंदौरा और बड़ौदा नहीं बन पाया हो, लेकिन विकास काफी हुआ है। आगे भी यह प्रयास जारी रहेगा। वहीं उन्होंने प्रस्तावित भूमिगत नाले का निर्माण कराने का जिक्र किया। कहा है कि 90 करोड़ रुपये से भूमिगत नाले का निर्माण कराया जाएगा। इससे जलभराव की समस्या से निदान मिलेगा।

पार्षद बोले-महापौर के विकास के दावे फेल
वहीं पार्षद संतोष पाठक ने बैठक में कहा है कि महापौर के विकास कार्य कराने के दावे फेल हो रहे हैं। महापौर ने दावा किया था कि प्रत्येक वार्ड में 50 लाख रुपये से विकास कार्य कराए जाएंगे। आज तक इतनी धनराशि के कार्य नहीं हो सके। वहीं महापौर ने पलटवार करते हुए 15वीं वित्त ग्रांट से प्रत्येक वार्ड के लिए 30-30 लाख रुपये आवंटित करने का आश्वासन दिया है।

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