उत्तर प्रदेश

‘साहब, बीवी को मार दिया, सिर लाया हूं’

खून से सने कपड़े, एक हाथ में खुरपी और एक हाथ में बीवी का सिर। लवों पर खामोशी और आंखों में नफरत की चिंगारी। सोमवार की सुबह जब एक आदमी इस अंदाज में खीरी जिले की बेहजम पुलिस चौकी में पहुंचा तो पुलिस वालों को भी पसीना छूट गया।

यूपी के खीरी जिले में सोमवार की सुबह दिल दहला देने वाली वारदात हुई। एक अधेड़ किसान ने खेत पर साथ काम कर रही बीवी की खुरपी से गर्दन काटकर हत्या कर दी। यही नहीं, बीवी का कटा हुआ सिर लेकर किसान बेहजम पुलिस चौकी पहुंच गया। मामला नीमगांव थाना क्षेत्र के बेहजम गांव का है।

यहां रहने वाला किसान रामसेवक अपनी 52 साल की बीवी ऊषा देवी को साथ लेकर सुबह खेत पर गया था। पास के खेत में उसका 25 साल का बेटा प्रमोद भी काम कर रहा था। इस बीच अचानक रामसेवक ने खेत खोदने वाली खुरपी से अपनी बीवी पर ताबड़तोड़ प्रहार करने लगा। उसने बीवी के चेहरे पर कई वार किए। इससे बेदम होकर ऊषा देवी वहीं गिर गईं। इसके बाद रामसेवक ने खुरपी से उसकी गर्दन धड़ से अलग कर दी। फिर धड़ वहीं छोड़ कटा हुआ सिर लेकर वह बेहजम पुलिस चौकी पहुंच गया।

रामसेवक ने पुलिस को बताया कि उसने अपनी बीवी का सिर काट लिया है। रामसेवक को इस अंदाज में सामने देखकर पुलिस भी हड़बड़ा गई। उसने रामसेवक को गिरफ्तार कर लिया और बरामद सिर को लेकर वापस घटनास्थल पर पहुंची। यहां उसने कटा हुआ सिर डाल दिया। नीमगांव एसओ डीके सिंह का कहना है कि आरोपी रामसेवक मानसिक तौर पर बीमार है। उसने बिना किसी वजह के ही अपनी बीवी की हत्या की है।

कटा सिर लेकर गांव से गुजरा, सिहर उठे ग्रामीण

खून से सने कपड़े, एक हाथ में साड़ी और दूसरे हाथ में बीवी का सिर। लबों पर खामोशी और आंखों में नफरत की चिंगारी। सोमवार सुबह जब रामसेवक इस अंदाज में बेहजम पुलिस चौकी पहुंचा तो पुलिस वालों की भी हालत पतली हो गई। चौकी इंचार्ज रात की गश्त से थककर अभी उनींदे थे। यह सब देखकर पुलिस वालों की आंखें फटी की फटी रह गईं। इससे पहले रामसेवक पत्नी का सिर लेकर गांव से गुजरा। गांववाले भी उसका यह रूप देखकर दंग रह गए। पुलिस ने रामसेवक से कटा हुआ सिर पालीथीन में रखवाकर वापस घटनास्थल पर डलवा दिया।

बेहजम गांव में रहनेवाला दलित रामसेवक छोटा किसान है। उसके पास तीन बीघा जमीन है। एक बीघा जमीन उसकी बीवी ऊषा के नाम तो दो बीघे का मालिक वह खुद है। इसके अलावा रामसेवक मेहनत मजदूरी भी करता था और सब्जी बेचकर गुजारा कर रहा था। उसने खेत के एक हिस्से में सब्जी बोई है। आजकल उसमें घुइयां की फसल है। उसी को निकालने के लिए वह सुबह बीवी के साथ गया था। खेत पर क्या हुआ, जो रामसेवक अचानक से हैवान बन गया, यह कोई नहीं जानता। मियां-बीवी दोनों खुरपी से घुंइयां निकाल रहे थे। अचानक रामसेवक ने बीवी ऊषा देवी के चेहरे पर ताबड़तोड़ खुरपी से प्रहार करना शुरू कर दिया। इसके बाद उसने खुरपी से उसका गला काट दिया। रामसेवक अचानक इतना बेरहम हो गया कि उसने खुरपी से ऊषा की गर्दन पर इतने प्रहार किए कि वह धड़ से कटकर अलग हो गई। इसके बाद वह सिर लेकर निकल पड़ा।

मंजर देखकर गांववाले कांप उठे
बताया जाता है कि पत्नी का सिर काटने के बाद रामसेवक उसका सिर लेकर खेत पार करता हुआ गांव की ओर आ गया। गांव के टोले के बीच से वह कटा सिर लेकर गुजरा। इसके बाद वह गांव के बाहर की ओर चल दिया। गांववाले इस खौफनाक नजारे को देखकर कांप उठे थे। सिर लेकर वह जब निकल रहा था, उसी वक्त उसके बेटे ने उसे रोक लिया।

बेटे ने घेरा तो पहुंचा चौकी
खेतों से होकर रामसेवक जा रहा था। रास्ते में उसके बेटे सुनील ने उसे पकड़ लिया। उस वक्त रामसेवक के हाथ में अपनी पत्नी की साड़ी का टुकड़ा था और दूसरे हाथ में खून टपकता हुआ उसका सिर। इसी हालत में रामसेवक सीधे बेहजम पुलिस चौकी जा पहुंचा। चौकी के सिपाहियों की भी सुबह हुई थी। कोई मंजन-दातून कर रहा था तो कोई नहाकर वर्दी पहन रहा था। चौकी इंचार्ज विश्वनाथ यादव रात की गश्त से लौटे थे तो अपने रूम में ही थे।

सिर लेकर पहुंची पुलिस मौके पर
चौकी पहुंचे रामसेवक को देख-सुनकर पुलिसवालों की भी हवा खराब हो गई। सिपाही दौड़कर चौकी इंचार्ज के पास पहुंचे। चौकी इंचार्ज की सुस्ती भी यह नजारा देखकर भाग गई। इस बीच रामसेवक का बेटा सुनील भी आ पहुंचा। पुलिस ने ऊषा देवी का कटा हुआ सिर तुरंत एक पॉलीथीन में रखवा लिया और सुनील को लेकर घटनास्थल पर पहुंच गई। इससे पहले कि गांववालों का मजमा लगता, पुलिस ने लाश के पास ही ऊषा देवी का सिर डाल दिया। बाद में लाश को कब्जे में लिया और सिर बरामद किया। घटना की सूचना मिलते ही सीओ निष्ठा उपाध्याय, एसओ डीके सिंह घटनास्थल पर पहुंच गए।

अंधविश्वास में शौहर से कातिल बन गया रामसेवक!
वह पिता भी था और पति भी। फिर भी अचानक वह कातिल बन बैठा। जिसका साथ जिंदगी भर निभाने का वादा किया था, उसी को बेरहमी से मार डाला। रामसेवक को लेकर गांव में तरह-तरह की चर्चाएं हैं। कोई उसे अंधविश्वास, तंत्र-मंत्र के जाल में बता रहा है तो पुलिस एक सिरे से उसे मानसिक रूप से बीमार करार दे रही है। वैसे तो रामसेवक किसान और छोटा व्यापारी दोनों था पर उसने अपने खेत में दो चबूतरे बनवा रखे थे। दोनों चबूतरे पास-पास बने हैं। गांववाले कहते हैं कि ये मजारें बनी हैं तो कोई कहता है कि ये कोई स्थान रामसेवक ने बनवाया था। यहां वह और उसकी पत्नी पूजापाठ किया करते थे। हालांकि रामसेवक का अपना आधा घर कच्चा ही है। बाहर मिट्टी की दीवारों पर छप्पर टिका हुआ है। वारदात के बाद गांववाले उन चबूतरों के पास गए तो वहां भी एक चबूतरे पर खून पड़ा हुआ था। इससे यह आशंका बढ़ गई है कि कहीं रामसेवक ने किसी अंधविश्वास की वजह से तो पत्नी की जान नहीं ली है। गांव के लोग यह भी बताते हैं कि रामसेवक हत्या करने के बाद बीवी का सिर लेकर पुलिस चौकी नहीं जा रहा था, वह किसी और जगह यह सिर लेकर जा रहा था पर बीच में उसके छोटे बेटे सुनील ने देख लिया और उसे चौकी चलने को कहा तो रामसेवक बिना अपना बचाव किए पुलिस चौकी पहुंच गया। एसओ डीके सिंह का कहना है कि रामसेवक ने हत्या के बाद खुद को पुलिस के हवाले कर दिया। उसकी निशानदेही पर कटा हुआ सिर बरामद किया गया है। हत्या की कोई बड़ी वजह सामने नहीं आ सकी है।

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