उत्तराखंड

जीएसटी के लिए उत्तराखंड तैयार, अधिकारियों का प्रशिक्षण पूरा; व्यापारियों का 15 जून तक

देहरादून : राज्य माल एवं सेवा कर (एसजीएसटी) एक्ट लागू करने में उत्तराखंड देश के पहले पांच राज्यों में शामिल रहा। गत दो मई को राज्य की विधानसभा ने विधेयक पर मुहर लगा दी थी। वहीं, एक जुलाई से जीएसटी को राज्य में लागू करने की दिशा में भी तेजी से काम किया जा रहा है। राज्य सरकार की मानें तो अधिकारियों का प्रशिक्षण पूरा कर लिया गया है। करीब 80 फीसद व्यापारियों को वैट से जीएसटी में माइग्रेट किया जा चुका है और व्यापारियों के प्रशिक्षण के लिए 15 जून का लक्ष्य रखा गया है।

देशभर में करों में एकरूपता की दिशा में जीएसटी के रूप में केंद्र की मोदी सरकार की महत्वपूर्ण पहल के साथ उत्तराखंड भी कमदताल कर रहा है। जीएसटी में 17 प्रकार के कर समाहित किए गए हैं। जीएसटी काउंसिल से अनुमोदित एसजीएसटी विधेयक सदन से पारित हो चुका है।

अब इसकी नियमावली को लेकर काम चल रहा है। एक जुलाई से जीएसटी लागू करने के लिए विधायकों व कार्मिकों का प्रशिक्षण पूरा किया जा चुका है। कारोबारियों को विभिन्न स्तर पर व्यापक प्रशिक्षण के लिए कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। व्यापारियों को प्रशिक्षित करने के लिए जीएसटिन (जीएसटी आइडेंटिफिकेशन नंबर) के विशेषज्ञों को दिल्ली से बुलाने की तैयारी है।

वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने बताया कि कार्मिकों और व्यापारियों के प्रशिक्षण के बाद राज्य सरकार प्रैक्टिशनरों को भी प्रशिक्षण प्रदान करेगी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार एक जुलाई से राज्य में जीएसटी लागू करने के लिए पूरी तरह तैयार है। जीएसटिन सॉफ्टवेयर के लिए सरकार भुगतान कर चुकी है। इसका प्रशिक्षण कारोबारियों को देने के लिए विशेषज्ञों के एक दल को बुलाने की भी योजना है।

वित्त मंत्री ने बताया कि राज्य में वैट के तहत पंजीकृत कुल 97907 डीलर्स में से वर्तमान में 76 हजार से ज्यादा को जीएसटी में माइग्र्रेट किया जा चुका है। शेष करीब 20 फीसद के माइग्र्रेशन की प्रक्रिया जारी है। वित्त मंत्री ने बताया कि जीएसटी लागू होने के बाद राज्य को अतिरिक्त राजस्व मिलेगा। वर्ष 2015-16 में कुल 6096.24 करोड़ कर राजस्व वैट से मिला था, जो वर्ष 2016-17 में 17.18 फीसद बढ़कर 7143.35 करोड़ हो गया।

जीएसटी में राजस्व हानि की राज्यों को प्रतिपूर्ति वर्ष 2015-16 को आधार वर्ष मानते हुए 14 फीसद राजस्व वृद्धि के मुताबिक केंद्र करेगा। जीएसटी से राज्य को सेवा कर से भी अतिरिक्त कर मिलेगा। इस वजह से राज्य को केंद्र से प्रतिपूर्ति की जरूरत नहीं पड़ेगी।

 

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