राजनीति

एक ही छत के नीचे सात विधानसभा का ईवीएम

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के तहत नालंदा जिले में 6 नवंबर को संपन्न मतदान के बाद सभी पोल्ड ईवीएम और वीवीपैट को लेकर चुनाव आयोग ने अभूतपूर्व सुरक्षा इंतजाम किए हैं। जिला निर्वाचन पदाधिकारी कुंदन कुमार और पुलिस अधीक्षक भारत सोनी ने शुक्रवार को नालंदा कॉलेज स्थित स्ट्रांग रूम का व्यापक निरीक्षण किया और सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त पाया।

सातों विधानसभा क्षेत्रों की ईवीएम एक छत के नीचे

नालंदा जिले के सभी सात विधानसभा क्षेत्रोंअस्थावां, बिहारशरीफ, राजगीर, इस्लामपुर, हिलसा, नालंदा और हरनौत से आई सभी ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को बिहारशरीफ स्थित नालंदा कॉलेज के स्ट्रांग रूम में द्वितालीय पद्धति (डबल लॉक सिस्टम) से सील कर सुरक्षित रखा गया है। भारत निर्वाचन आयोग के 6 अक्टूबर को जारी दिशानिर्देशों के अनुपालन में यह व्यवस्था की गई है।

त्रिस्तरीय सुरक्षा: CAPF से लेकर जिला बल तक

चुनाव आयोग ने स्ट्रांग रूम की सुरक्षा के लिए तीन परतों वाली अभेद्य व्यवस्था तैयार की है। बता दें कि पहली परत स्ट्रांग रूम के ठीक अंदर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की तैनाती है। प्लाटून कमांडर के नेतृत्व में जवान 24×7 पहरेदारी कर रहे हैं। दूसरी परत में राज्य सशस्त्र बल की चौबीसों घंटे तैनाती दूसरी सुरक्षा घेरा बनाती है। वहीं तीसरी परत में दूसरी परत से करीब 150 फीट की दूरी पर ड्रॉप गेट पर जिला सशस्त्र बल के जवान तैनात हैं, जो बाहरी सुरक्षा घेरा सुनिश्चित करते हैं। इसके अलावा, पुलिस उपाधीक्षक (रक्षित) के नेतृत्व में 2-8 पुलिस बल की एक अतिरिक्त टुकड़ी पूरे नालंदा कॉलेज परिसर में गश्त के लिए तैनात की गई है।

CCTV की पैनी नजर और पारदर्शिता का प्रयास

पूरे स्ट्रांग रूम परिसर पर 24×7 सीसीटीवी निगरानी रखी जा रही है। चुनाव आयोग ने पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए विशेष व्यवस्था की है। बाहरी परिधि के बाद एक नियंत्रण कक्ष बनाया गया है जहां सभी सीसीटीवी फीडबैक आते हैं। हर पाली में प्रत्येक प्रत्याशी के दो कार्यकर्ता इस कक्ष में बैठकर स्ट्रांग रूम की निगरानी कर सकते हैं।

कड़े नियम: हर प्रवेश का रिकॉर्ड

सुरक्षा घेरे के भीतर प्रवेश के लिए कड़े नियम बनाए गए हैं। CAPF द्वारा एक लॉग बुक का रखरखाव किया जा रहा है, जिसमें हर उस व्यक्ति का नाम, तिथि और समय दर्ज किया जाता है जो सुरक्षा घेरे को पार करता है चाहे वह पर्यवेक्षक हो, जिला निर्वाचन पदाधिकारी हो, पुलिस अधीक्षक हो या प्रत्याशी का कार्यकर्ता। इतना ही नहीं, CAPF के पास विडियो कैमरा भी उपलब्ध है जो हर आगंतुक की विडियो रिकॉर्डिंग करता है। कार्यकर्ताओं के लिए फोटोयुक्त मतदाता पहचान पत्र और स्ट्रांग रूम प्रवेश पत्र अनिवार्य है। किसी भी प्रकार के हथियार या ज्वलनशील पदार्थ ले जाना पूर्णतः प्रतिबंधित है।

जिम्मेदारी का बंटवारा स्पष्ट

पूरी व्यवस्था की कमान संभालने के लिए स्पष्ट प्रशासनिक ढांचा तैयार किया गया है। नगर आयुक्त दीपक कुमार मिश्रा वरीय प्रभारी हैं, जबकि जिला पंचायतराज पदाधिकारी मनोहर कुमार साहू और वरीय कोषागार पदाधिकारी राजेश राम नोडल अधिकारी के रूप में तैनात हैं। पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) तारकेश्वर प्रसाद सिंह पुलिस व्यवस्था के प्रभारी हैं।

मतगणना तक जारी रहेगी व्यवस्था

उप निर्वाचन पदाधिकारी ने सुनिश्चित किया है कि पालीवार तैनात दंडाधिकारी और पुलिस अधिकारी 7 नवंबर से लेकर 15 नवंबर तक – यानी मतगणना तक – अपने कर्तव्य स्थल पर तैनात रहेंगे। कार्यकर्ताओं के ठहराव स्थल पर पेयजल और पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था भी की गई है। सभी प्रतिनियुक्त अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे पालीवार खैरियत रिपोर्ट एक रजिस्टर में दर्ज करें, जिसका समय-समय पर निरीक्षण किया जाएगा।

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