पर्यटन

अब बीच या पहाड़ नहीं, इन धार्मिक जगहों पर भी जाना पसंद कर रहे हैं मिलेनियल्स और Gen-Z

आज की युवा पीढ़ी सिर्फ करियर, ट्रेवल और डिजिटल दुनिया में ही नहीं रमी हुई है, बल्कि वह अपनी जड़ों से जुड़ने और आत्मिक संतुलन पाने की ओर भी बढ़ रही है। मिलेनियल्स और जेन जी अब धार्मिक स्थलों को सिर्फ कल्चर का हिस्सा नहीं मानते, बल्कि वे इन्हें एक “आध्यात्मिक ब्रेक” के रूप में देखते हैं जहां उन्हें मानसिक शांति और नेचर के पास आने का अवसर मिलता है।

इनमें से कई तीर्थ स्थल अपने धार्मिक महत्व के साथ-साथ अपनी लोकेशन, शांत वातावरण, वेलनेस रिट्रीट्स, योग वर्कशॉप्स और कल्चरल वाइब्स के कारण युवाओं को खासा अट्रैक्ट कर रहे हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ तीर्थ स्थलों के बारे में जो आज की पीढ़ी की पसंद बन चुके हैं-

वाराणसी (उत्तर प्रदेश)
देश की सबसे प्राचीन नगरी और मोक्ष की भूमि वाराणसी आध्यात्मिकता और संस्कृति का संगम है। यहां की गंगा आरती, घाटों की दिव्यता और बनारसी संगीत युवाओं को एक अनोखा एक्सपीरियंस देती है। बहुत-से युवा यहां डिजिटल डिटॉक्स, ध्यान और लोक कला को जानने और समझने के लिए आते हैं।

ऋषिकेश (उत्तराखंड)
ऋषिकेश योग और ध्यान की वैश्विक राजधानी है। यहां की गंगा आरती, तपस्वी जीवनशैली और ध्यान केंद्रों ने युवाओं को ध्यान की ओर मोड़ा है। साथ ही रिवर राफ्टिंग और कैफे कल्चर ने इसे यूथ फ्रेंडली तीर्थ बना दिया है।

अमृतसर (पंजाब)
स्वर्ण मंदिर सिर्फ धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि सेवा और एकता का प्रतीक है। यहां का लंगर, निःस्वार्थ सेवा और आध्यात्मिक अनुशासन आज के युवाओं को गहराई से छूता है। वे यहां आकर जीवन के असली मूल्य सीखते हैं।

पुष्कर (राजस्थान)
पुष्कर अपनी एकमात्र ब्रह्मा मंदिर, झील और ट्रेंडी कैफे संस्कृति के लिए युवाओं का फेवरेट बन गया है। यहाँ धार्मिकता और हिप्पी संस्कृति का सुंदर मेल देखने को मिलता है जो आत्मिक खोज के साथ-साथ ट्रैवल का एक्सपीरियंस भी देता है।

तिरुपति (आंध्र प्रदेश)
भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित यह मंदिर भारत के सबसे लोकप्रिय और अमीर मंदिरों में से एक है। इसकी सुव्यवस्थित व्यवस्था, टेक-सैवी दर्शन प्रक्रिया और आस्था का अनुभव युवा पीढ़ी को खासा लुभाता है।

बोधगया (बिहार)
जहां भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई, वह भूमि आज युवाओं की मेडिटेशन हब बन चुकी है। यहाँ का महाबोधि मंदिर, विदेशी बौद्ध मठ, और ध्यान की शांति युवाओं को अंदर से जुड़ने का चांस देती है।

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