देश-विदेश

पीएम मोदी करेंगे मुंबई का दौरा, मैरीटाइम लीडर्स कॉन्क्लेव को करेंगे संबोधित

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार शाम मुंबई के नेस्को एग्जिबिशन सेंटर में चल रहे इंडिया मैरीटाइम वीक-2025 में मैरीटाइम लीडर्स कान्क्लेव को संबोधित करेंगे और ग्लोबल मैरीटाइम सीईओ फोरम की अध्यक्षता करेंगे। इस कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने इसे मैरीटाइम सेक्टर में सहयोग के लिए एक शानदार मंच बताया।

निवेशकों, नीति निर्माताओं, इनोवेटर्स एक जगह होंगे इकठ्ठे

ग्लोबल मैरीटाइम सीईओ फोरम, वैश्विक मैरीटाइम कंपनियों के सीईओ, प्रमुख निवेशकों, नीति निर्माताओं, इनोवेटर्स और अंतरराष्ट्रीय भागीदारों को एक साथ लाएगा ताकि वैश्विक मैरीटाइम ईकोसिस्टम के भविष्य पर विचार-विमर्श किया जा सके।

85 से अधिक देशों के प्रतिनिधि लेंगे भाग

यूनिटिंग ओशंस, वन मैरीटाइम विजन थीम के तहत 27 से 31 अक्टूबर तक आयोजित इंडिया मैरीटाइम वीक-2025, ग्लोबल मैरीटाइम हब और ब्लू इकोनमी में अग्रणी के रूप में उभरने के लिए भारत के रणनीतिक रोडमैप को प्रदर्शित करता है। इसमें 85 से अधिक देशों के 1,00,000 से अधिक प्रतिनिधि, 500 से अधिक एग्जिबिटर्स और 350 से अधिक अंतरराष्ट्रीय वक्ता भाग ले रहे हैं।

प्रधानमंत्री की भागीदारी से समुद्री अमृत काल विजन 2047 के अनुरूप, एक महत्वाकांक्षी, भविष्योन्मुखी समुद्री परिवर्तन के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता का पता चलता है। चार रणनीतिक स्तंभों – बंदरगाह-आधारित विकास, नौवहन और जहाज निर्माण, निर्बाध लॉजिस्टिक और समुद्री कौशल निर्माण – पर आधारित इस दीर्घकालिक विजन का उद्देश्य भारत को दुनिया की अग्रणी समुद्री शक्तियों में स्थान दिलाना है।

इंडिया मैरीटाइम वीक 2025 का प्रमुख कार्यक्रम, ग्लोबल मैरीटाइम सीईओ फोरम, वैश्विक समुद्री कंपनियों के सीईओ, प्रमुख निवेशकों, नीति-निर्माताओं, नवप्रवर्तकों और अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों को वैश्विक समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के भविष्य पर विचार-विमर्श करने के लिए एक साथ लाएगा। यह फोरम सतत समुद्री विकास, लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं, हरित नौवहन और समावेशी नीली अर्थव्यवस्था रणनीतियों पर संवाद के लिए एक प्रमुख मंच के रूप में कार्य करेगा।

जहाज निर्माण, क्रूज पर्यटन पर होगी बात

भारत इंडिया मैरीटाइम वीक 2025, इस विजन को क्रियान्वित करने के लिए भारत सरकार के प्रमुख वैश्विक मंच के रूप में कार्य करता है, जो नौवहन, बंदरगाहों, जहाज निर्माण, क्रूज पर्यटन और नीली अर्थव्यवस्था वित्त के प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाता है।

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