कार्तिक अमावस्या पर बन रहे कई अद्भुत संयोग

आज यानी 21 अक्टूबर को कार्तिक अमावस्या मनाई जा रही है। इस शुभ अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा समेत अन्य पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। साथ ही पूजा, जप-तप और दान-पुण्य कर रहे हैं। इसके अलावा, पितरों का तर्पण और पिंडदान भी किया जा रहा है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, अमावस्या तिथि पर गंगा स्नान करने और महादेव या भगवान विष्णु की पूजा करने से जाने-अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति मिलती है। साथ ही पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। कार्तिक अमावस्या के दिन कई शुभ-अशुभ योग भी बन रहे हैं। ऐसे में आइए जानते हैं आज का पंचांग (Aaj ka Panchang 21 October 2025) के बारे में।
तिथि: कृष्ण अमावस्या
मास पूर्णिमांत: कार्तिक
दिन: मंगलवा
संवत्: 2082
तिथि: कृष्ण अमावस्या प्रातः 05:54 बजे तक
योग: विष्कुम्भ प्रातः 03:17 बजे तक (22 अक्टूबर)
करण: नागव प्रातः 05:54 बजे तक
करण: किन्स्तुघ्न पूर्ण रात्रि तक
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: प्रातः 06 बजकर 26 मिनट पर
सूर्यास्त: सायं 05 बजकर 45 मिनट पर
चंद्रोदय: नहीं होगा
चन्द्रास्त: सायं: 05 बजकर 29 मिनट पर
सूर्य राशि: तुला
चंद्र राशि: कन्या सुबह 09 बजकर 36 मिनट तक
आज के शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त: दिन में 11 बजकर 43 मिनट से दोपहर 12 बजकर 28 मिनट तक
अमृत काल: दोपहर 03 बजकर 51 मिनट से शाम 05 बजकर 38 मिनट तक
आज के अशुभ समय
राहुकाल: दोपहर 02 बजकर 55 मिनट से शाम 04 बजकर 20 मिनट तक
गुलिकाल: दोपहर 12 बजकर 05 मिनट से दोपहर 01 बजकर 30 मिनट तक
यमगण्ड: सुबह 09 बजकर 16 मिनट से दोपहर 10 बजकर 40 मिनट तक
कार्तिक अमावस्या
कार्तिक मास की अमावस्या विशेष महत्व रखती है। यह दिन अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ने का प्रतीक है और आत्मिक शुद्धि का अवसर देता है। इस दिन पितरों की स्मृति में तर्पण और दान पुण्य करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
मुख्य बातें:
पितरों के तर्पण और श्राद्ध कर्म का समय।
इस दिन किए गए दान-पुण्य से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
ध्यान और साधना के लिए अनुकूल समय।
आत्मनिरीक्षण और नए आरंभ के लिए उत्तम अवसर।