उत्तराखंड

हरिद्वार: कुंभ क्षेत्र में भीड़ नियंत्रण के लिए लगेंगे भीड़ घनत्व सेंसर

कुंभ 2027 में भीड़ नियंत्रण के लिए इस बार आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का खूब इस्तेमाल होगा। भीड़ बढ़ते ही प्रशासन के पास सीधे अलर्ट आ जाएगा। आईओटी आधारित भीड़ घनत्व सेंसर के साथ ही संवेदनशील जगहों की जियो फेंसिंग भी होगी।

हर बार कुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या बड़ी चुनौती है। 2010 के कुंभ में महाशिवरात्रि, फाल्गुन अमावस्या, मेष संक्रांति और चैत्र पूर्णिमा के शाही स्नान में 3.11 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे। इसके बाद अर्द्धकुंभ 2016 में इन चारों स्नान पर 72 लाख और कुंभ 2021 में कोविड के बावजूद 66.25 लाख श्रद्धालु पहुंचे। इस बार राज्य सरकार ने मुख्य स्नान पर 1.5 से दो करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान लगाया है। पूरे कुंभ के दौरान चार माह में 17 से 21 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है।

इस नाते भीड़ का नियंत्रण बड़ी चुनौती होगा। लिहाजा, भीड़ नियंत्रण व यातायात प्रबंधन के लिए अत्याधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल किया जाएगा। भीड़ की रियल टाइम क्राउड मॉनिटरिंग होगी। इसके अलावा सभी जगहों पर भीड़ घनत्व सेंसर (क्राउड डेनसिटी सेंसर) लगाए जाएंगे, जो कि भीड़ बढ़ने पर अलर्ट दे देंगे। इसी हिसाब से प्रशासनिक अमला हरकत में आएगा।

कुंभ की सभी संवेदनशील लोकेशन की जियो फेंसिंग होगी, जिससे वहां होने वाली हर हलचल और भीड़ बढ़ने पर सैटेलाइट से पता चल जाएगा। साथ ही हीटमैप आधारित क्राउड फ्लो डैशबोर्ड बनाया जाएगा, जिसमें हर अवधि में भीड़ के आने का फ्लो पता चल सकेगा। इसी कड़ी में आईटी विभाग यहां ईवी चार्जिंग लोकेटर और सिक्योरिटी ऑपरेशन सेंटर भी बनाएगा।

कुंभ 2027 के लिए डिजिटल कुंभ के तौर पर भी तैयारी की जा रही है। कुंभ के दौरान व्यवस्थाएं बनाने में अधिक से अधिक एआई व अन्य तकनीकी का इस्तेमाल किया जाएगा।

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