टाटा ग्रुप की अंदरूनी कलह में सरकार करेगी हस्तक्षेप

सरकार कथित तौर पर टाटा ट्रस्ट्स में चल रही अंदरूनी कलह में हस्तक्षेप कर सकती है। यह ऐसे समय में हो रहा है जब रतन टाटा के निधन के एक साल बाद ट्रस्टियों के बीच कथित तौर पर गहरे मतभेद उभर आए हैं।
द इकोनॉमिक टाइम्स अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, दो वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री दिल्ली में टाटा समूह के चार प्रमुख अधिकारियों के साथ इस चल रहे विवाद पर चर्चा करेंगे।
रिपोर्ट के अनुसार, टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन नोएल टाटा, वॉइस चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन, टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन और टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी डेरियस खंबाटा के इस चर्चा में शामिल होने की उम्मीद है।
इस बैठक में दो मुद्दों पर चर्चा होगी
ट्रस्टियों के बीच मतभेदों को नियंत्रित करने और टाटा संस और उसके अंतर्गत आने वाली कंपनियों के कामकाज पर असर न पड़े, यह सुनिश्चित करने के तरीकों पर चर्चा, और टाटा संस की सार्वजनिक सूचीकरण के सवाल पर चर्चा। 180 अरब डॉलर के इस समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस, टाटा ट्रस्ट्स द्वारा नियंत्रित है।