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3.3 अरब डॉलर के निर्यात के साथ भारत बना तीसरा सबसे बड़ा कृषि रसायन निर्यातक

पिछले 10 वर्षों में भारत ने कृषि रसायन के निर्यात में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। भारत की कृषि रसायन निर्यात बढ़कर 3.3 अरब डॉलर हो गया है। 2014-15 में यह 1.3 अरब डॉलर रुपये था। इस रेस में बस चीन और अमेरिका ही भारत से आगे हैं। लेकिन जिस तरह से भारत की स्पीड है उस हिसाब से जल्द ही हम इन दोनों देशों को भी पछाड़ सकते हैं।

एग्रो-केमिकल्स फेडरेशन ऑफ इंडिया और डेलॉइट ने 12 सितंबर को जारी एक रिपोर्ट में इसकी जनाकीर दी। इस रिपोर्ट के अनुसार इस गति को बनाए रखने के लिए, एसीएफआई ने सरकार से इस क्षेत्र के लिए उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना और कर छूट शुरू करने का आग्रह किया है। संस्था ने कहा कि इन उपायों से प्रमुख अणुओं के लिए आयात पर निर्भरता कम होगी और पूरे भारत में कृषि-रसायन निर्माण केंद्र स्थापित करने में मदद मिलेगी, जिससे घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।

भारत की सभी प्रमुख कृषि-रसायन कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले इस संघ ने अनुसंधान एवं विकास में सार्वजनिक-निजी सहयोग बढ़ाने और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSME) को मजबूत करने की भी वकालत की।

वित्त वर्ष 2024 में भारतीय कृषि रसायन बाजार का आकार लगभग 69,000 करोड़ रुपये रहा। इस मूल्य के हिसाब से निर्यात का हिस्सा 51 प्रतिशत और घरेलू फॉर्मूलेशन का हिस्सा 49 प्रतिशत है।

जेनेरिक दवाओं की हिस्सेदारी भी बढ़ रही
भारत जेनेरिक दवाओं का बड़ा बाजार है। इसमें इसकी 80 प्रतिशत हिस्सेदारी है। जैसे-जैसे वैश्विक स्तर पर और अधिक उत्पाद पेटेंट-मुक्त होते जा रहे हैं, जेनेरिक दवाओं की हिस्सेदारी और बढ़ने की संभावना है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2024 में भारतीय कृषि रसायन मार्केट में कीटनाशकों (41 प्रतिशत हिस्सेदारी) का दबदबा रहा, इसके बाद शाकनाशी (22 प्रतिशत), कवकनाशी (21 प्रतिशत), पादप वृद्धि नियामक (6 प्रतिशत), जैव-उत्तेजक (8 प्रतिशत) और बीज उपचार उत्पाद (2 प्रतिशत) का स्थान रहा।

किस राज्य की कितनी हिस्सेदारी
कृषि रसायन बिक्री के भारत के टॉप राज्य में महाराष्ट्र और गोवा (22 प्रतिशत), आंध्र प्रदेश और तेलंगाना (21 प्रतिशत), मध्य प्रदेश (10 प्रतिशत), कर्नाटक (8 प्रतिशत), उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड (8 प्रतिशत), तमिलनाडु और केरल (6 प्रतिशत) और गुजरात (5 प्रतिशत) शामिल हैं। कुल मिलाकर, ये सभी घरेलू कृषि रसायन बाजार का लगभग 75 प्रतिशत हिस्सा हैं।

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