महालक्ष्मी व्रत के दौरान ध्यान रखें ये बातें

पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से महालक्ष्मी व्रत (mahalakshmi vrat 2025) की शुरुआत मानी जाती है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। इस व्रत को मुख्य रूप से देवी महालक्ष्मी की कृपा प्राप्ति के लिए किया जाता है। ऐसे में अगर आप व्रत के इन नियमों का ध्यान रखते है, तो इससे आपको देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद मिल सकता है।
पूजा में ध्यान रखें ये बातें
महालक्ष्मी व्रत के पहले दिन कलश की स्थापना की जाती है। पूजा के दौरान सूर्योदय से पहले स्नान करके व्रत के बाद व्रत का संकल्प लें। इस दिन पर सात्विक और हल्का भोजन करना चाहिए। साथ ही मन को शांत रखें और किसी भी तरह का नकारात्मक विचार मन में न लाएं। इन बातों का ध्यान रखने पर ही आपको व्रत का पूर्ण फल प्राप्त हो सकता है।
जरूर ध्यान रखें ये बात
ऐसी मान्यता है कि मां लक्ष्मी केवल उसी स्थान पर निवास करती हैं, जहां स्वच्छता का विशेष रूप से ध्यान रखा जाए। ऐसे में अपने घर व मंदिर की साफ-सफाई के साथ-साथ व्यक्तिगत स्वच्छता का भी जरूर ध्यान रखें। इसके साथ ही घर के मुख्य द्वार पर भी सफाई करें और शाम के समय दीपक जलाएं। इससे देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और उनका घर में आगमन होता है।
किया जाता है यह काम
महालक्ष्मी व्रत में साधक अपनी कलाई में एक 16 गांठ वाला पवित्र धागा जरूर बांधते हैं, जिसे देवी लक्ष्मी के 16 स्वरूपों का प्रतीक माना जाता है। इसे बांधने के लिए सबसे पहले विधिवत रूप से देवी लक्ष्मी की पूजा करें। इसके बाद एक कच्चे सूत में 16 गांठ लगाएं और इसपर कुमकुम और अक्षत लगाकर देवी लक्ष्मी के चरणों में अर्पित कर दें। पूजा संपन्न होने के बाद इस सूत्र को अपने दाहिने हाथ में बांध लें।