ट्रंप ने कहा- चीन बहुत धैर्यवान, मेरे राष्ट्रपति रहते शी जिनपिंग ताइवान पर हमला नहीं करेंगे

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को एक साक्षात्कार में कहा कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने उन्हें भरोसा दिया है कि जब तक आप राष्ट्रपति हैं, तब तक चीन ताइवान पर हमला नहीं करेगा। ट्रंप ने इसकी सराहना की और कहा कि मैं और चीन दोनों बहुत धैर्यवान हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार (स्थानीय समयानुसार) को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा उन्हें दिए गए भरोसे के बारे में बात की। ट्रंप ने बताया कि जिनपिंग ने कहा है कि जब तक मैं राष्ट्रपति हूं, तब तक वह ताइवान पर हमला नहीं करेंगे।
डोनाल्ड ट्रंप ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘मैं आपको बता दूं, चीन और ताइवान के मामले में भी हालात गंभीर हो सकते हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता कि जब तक मैं राष्ट्रपति हूं, ऐसा कुछ होगा। आगे देखते हैं क्या होता है।’
मैं और चीन दोनों ही बहुत धैर्यवान: ट्रंप
ट्रंप ने आगे कहा कि शी जिनपिंग ने मुझे भरोसा दिया है कि जब तक आप राष्ट्रपति हैं, मैं ताइवान पर कभी हमला नहीं करूंगा। इस पर मैंने उनसे कहा कि ठीक है और मैं इसकी सराहना करता हूं। ट्रंप ने आगे कहा कि मैं और चीन दोनों ही बहुत धैर्यवान हैं। दोनों नेताओं ने ट्रंप के दूसरे राष्ट्रपति कार्यकाल की पहली पुष्टि जून में की थी। ट्रंप ने अप्रैल में यह भी बताया था कि शी जिनपिंग ने उन्हें फोन किया था, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि यह फोन कब हुआ था।
ताइवान को अपना हिस्सा मानता है चीन
चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और अगर जरूरत पड़ी तो बलपूर्वक उसे अपने साथ मिलाने की बात करता है। वहीं, ताइवान चीन के इस दावे का कड़ा विरोध करता है और स्वतंत्र रूप से काम करता है। हालांकि, अमेरिका ताइवान का प्रमुख हथियार आपूर्तिकर्ता और अंतरराष्ट्रीय समर्थक है, फिर भी दोनों देशों के बीच कोई औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं है।
ताइवान का मुद्दा चीन-अमेरिका संबंधों में सबसे महत्वपूर्ण: चीनी दूतावास
वाशिंगटन में चीन के दूतावास ने शुक्रवार को कहा कि ताइवान का मुद्दा चीन-अमेरिका संबंधों में सबसे महत्वपूर्ण और संवेदनशील है। दूतावास के प्रवक्ता लियू पेंगयु ने कहा, ‘अमेरिकी सरकार को ‘वन-चाइना नीति’ और चीन-अमेरिका के बीच हुई तीन संयुक्त घोषणाओं का पालन करना चाहिए। ताइवान से जुड़े मामलों को समझदारी से संभालना चाहिए और चीन-अमेरिका संबंधों के साथ-साथ ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता की ईमानदारी से रक्षा करनी चाहिए।’