धर्म/अध्यात्म

राखी के साथ बांधिए प्रेम, प्रार्थना और संकल्प, जानिए पूरी विधि

रक्षा बंधन (Raksha Bandhan 2025) एक पवित्र पर्व है जो भाई-बहन के प्रेम और सुरक्षा के बंधन को मजबूत करता है। इस दिन बहनें सुबह स्नान करके पूजा की थाली सजाती हैं जिसमें राखी रोली अक्षत दीपक और मिठाई शामिल होती है। इसके बाद शुभ मुहूर्त में बहनें भाइयों को राखी बांधती हैं। यह पर्व रिश्तों में मधुरता और अपनत्व लाता है।

रक्षा बंधन सिर्फ एक पर्व नहीं, वो भावना है जो एक बहन के प्रेम, आशीर्वाद और भाई की सुरक्षा के संकल्प को एक सूत्र में बांधती है। इस पवित्र दिन पर अगर शुद्ध मन और विधिपूर्वक राखी बांधी जाए, तो रिश्तों में और भी गहराई, मधुरता और शुभता आती है। आइए जानें कि इस पर्व को मनाने की विधि क्या है और किन सामग्रियों की आवश्यकता होती है।

रक्षा बंधन की आवश्यक सामग्री
राखी (रक्षा-सूत्र) – सुंदर, सादे या शुभ चिह्नों से सजी राखी
रोली (कुमकुम या सिंदूर) – तिलक के लिए
अक्षत (चावल) – पूजन और तिलक के बाद माथे पर लगाने हेतु
दीपक (घी या तेल का) – आरती उतारने के लिए
धूप या अगरबत्ती – वातावरण को पवित्र करने के लिए
मिठाई – भाई को राखी बांधने के बाद खिलाने हेतु
पूजन थाली – जिसमें सारी सामग्री सजाई जाए
फूल या फूलों की पंखुड़ियां – पूजा व शुभकामनाओं के प्रतीक
एक रुमाल या कपड़ा – भाई की कलाई पोंछने या राखी बांधते समय उपयोग में लाने हेतु

राखी बांधने की विधि –
शुभ मुहूर्त में तैयारी करें
रक्षा बंधन के दिन बहनें प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
पूजा की थाली को अच्छे से सजाएं।
थाली में रोली, अक्षत, दीपक, मिठाई, राखी और फूल रखें।

सही दिशा में बैठें
बहन को पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए।
भाई को पश्चिम या दक्षिण दिशा की ओर मुख करके बैठाएं।

पूजा प्रारंभ करें
दीपक जलाएं और थाली को घड़ी की दिशा में घुमाकर भाई की आरती उतारें।
इसके बाद भाई के माथे पर रोली से तिलक लगाएं और उस पर अक्षत (चावल) लगाएं।

राखी बांधें
अब बहन अपने भाई की दाहिनी कलाई पर श्रद्धा और प्रेम से राखी बांधे।
राखी बांधते समय मन में उसके दीर्घायु, सुख और सफलता की कामना करें।

मिठाई खिलाएं
राखी के बाद भाई को प्रेमपूर्वक मिठाई खिलाएं।
यह मिठास रिश्तों में प्रेम और अपनत्व घोलती है।

भाई का आशीर्वाद और वचन
भाई बहन को आशीर्वाद दें और यह वचन दें कि वह हमेशा उसकी रक्षा करेगा, हर परिस्थिति में उसके साथ खड़ा रहेगा।

विशेष बातें जो ध्यान में रखें
भद्र काल (अशुभ समय) में राखी बांधने से बचें।
राखी बांधते समय वातावरण शांत, स्वच्छ और सात्त्विक रखें।
बहनें राखी बांधते समय मन में प्रार्थना करें, और भाई अपने हृदय से आभार प्रकट करें।
यदि संभव हो तो घर के मंदिर या पूजा स्थल के पास बैठकर यह प्रक्रिया करें इससे वातावरण और अधिक पवित्र बनता है।

समापन
राखी का धागा सिर्फ एक धागा नहीं, वो बहन के प्रेम, दुआ और भाई के वचन का प्रतीक है। जब यह पर्व श्रद्धा, विधि और सच्चे मन से मनाया जाता है, तो यह रिश्ता सिर्फ एक जन्म के लिए नहीं, कई जन्मों तक अटूट बना रहता है।

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