राजनीति

‘नवाब देशभक्त नहीं, गद्दार था’, BJP नेता के बयान पर भड़के कांग्रेसी

भोपाल में हमीदिया अस्पताल का नाम बदलने की मांग के साथ ही राजनीति में गर्माहट आ गई है। नगर निगम की बैठक में प्रस्ताव पास होने पर भाजपा और कांग्रेस पार्षद भिड़ गए। स्वास्थ्य मंत्री ने नवाब पर देशद्रोही होने का आरोप लगाया कहा कि उन्होंने भारत में विलय का विरोध किया था।

भोपाल रियासत के नवाब हमीदुल्ला के नाम वाले सरकारी हमीदिया अस्पताल के नए नामकरण की मांग उठने के साथ ही मध्य प्रदेश की राजनीति गरमा गई है।

भोपाल नगर निगम की गुरुवार को बैठक में अस्पताल के साथ स्कूल और कॉलेज के नाम बदलने का प्रस्ताव पास होने पर भाजपा और कांग्रेस के पार्षद आमने-सामने आ गए। भाजपा के एक पार्षद ने नवाब को गद्दार कहा तो कांग्रेस के पार्षदों ने विरोध किया। नौबत मारपीट तक पहुंच गई।

स्वास्थ्य मंत्री ने नवाब को कह दिया गद्दार
इस विवाद को शुक्रवार को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने और हवा दे दी। उन्होंने हमीदिया अस्पताल में अत्याधुनिक सीटी स्कैन और एमआरआई मशीन का लोकार्पण करने के बाद कहा कि भोपाल को नवाब ने भारत में विलय होने की सहमति नहीं दी। देश आजाद होने के बाद भी भोपाल रियासत में तिरंगा झंडा नहीं फहराया और भारत के लोगों पर गोली चलवाई, छह से ज्यादा लोगों की हत्या करवाई थी, ऐसा नवाब देशभक्त नहीं हो सकता, वह गद्दार था।

कई जगहों के नाम बदलने की उठी है मांग
बता दें कि भाजपा के कई नेता काफी समय से राजधानी में नवाब के नाम से बने संस्थानों और स्थलों के नाम परिवर्तित करने की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस इसका विरोध कर रही है। इसी कड़ी में गुरुवार को नगर निगम परिषद की बैठक में हमीदिया अस्पताल, हमीदिया स्कूल और हमीदिया कालेज का नाम बदलने का प्रस्ताव रखते हुए भाजपा पार्षद दवेंद्र भार्गव ने नवाब हमीदुल्ला को देश का गद्दार कहा था। इसकी कांग्रेस ने कड़ी निंदा की।

किशन सूर्यवंशी ने विवाद को दी हवा
शुक्रवार को भाजपा नगर निगम परिषद के अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने भी दोहराया कि नवाब हमीदुल्ला गद्दार थे, हैं और रहेंगे। उन्होंने कहा कि नवाब की पाकिस्तान के वजीर बनने की इच्छा थी, इसीलिए भोपाल रियासत को भारत में मिलाने के बजाए पाकिस्तान में मिलाने की कोशिश की थी।

सूर्यवंशी ने कहा कि परिषद में हमीदिया अस्पताल, हमीदिया कालेज और हमीदिया स्कूल के नाम बदलने का संकल्प पारित कर दिया है, जो अब राज्य सरकार को भेजा जाएगा। यह तय करना सरकार का काम है कि संस्थानों का परिवर्तित नाम क्या होना चाहिए। वहीं, कांग्रेस नेताओं का कहना है कि भाजपा जनता से जुड़े मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए नाम परिवर्तन की राजनीति कर रही है।

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