उत्तराखंड

कुछ जगहों पर नदियों का जलस्तर खतरे के पास पहुंचा, बैराज- जलाशय के जल स्तर की हो रही है निगरानी

बारिश के चलते कई जगहों पर नदियों का जल स्तर खतरे के निशान के पास पहुंच गया। सिंचाई विभाग के बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार 13 स्थानों पर नदियों में पांच जगहों पर दोपहर तीन बजे तक नदियों का जलस्तर बढ़ रहा था, जबकि चार जगह कम और चार जगह स्थिर बना हुआ था।

केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के मुताबिक सत्यनारायण में सौंग नदी का खतरे का जल स्तर 338.20 मीटर है, यहां पर तीन बजे तक नदी का जल स्तर 337.15 तक पहुंच गया था। जोशीमठ में अलकनंदा का खतरे का जल स्तर 1383.00 मीटर है, यहां पर 1375.89 मीटर था। पिथौरागढ़ जिले के चमगाढ़ में सरयू नदी का खतरे का जल स्तर 453 मीटर है, यहां पर 447.80 मीटर पर पहुंच गया था। वहीं धारचूला में काली नदी का खतरे का जल स्तर 890 मीटर है, यहां पर 888.50 मीटर था। जौलजीबी में गौरी नदी के खतरे का जल स्तर 607.80 मीटर है, यह 604.25 मीटर तक पहुंचा हुआ था।

मदकोट में गौरी नदी खतरे का जल स्तर 1215.10 है, यहां पर 1211.65, चौखुटिया रामगंगा में 923.45 मीटर है, यहां पर 921.700 मीटर तक नदी का जल स्तर पहुंच गया। कपकोट और बागेश्वर में क्रमश: सरयू नदी का जल स्तर पर खतरे का जल स्तर क्रमश: 1034 व 870.70 मीटर है। यहां पर 1031 और 866.10 मीटर तक पहुंच गया। बागेश्वर में गोमती नदी, माया कुंड ऋषिकेश में गंगा, नौगांव में यमुना और त्यूनी में टोन्स का खतरे का जल स्तर 870.70, 340.50, 1059.50 व 903.23 मीटर पर खतरे का जल स्तर है। यहां पर क्रमश: 863.60, 337.15, 338.12, 1058.96, 888.800 मीटर पर पहुंच गया था।

बैराज- जलाशय के जल स्तर की हो रही है निगरानी
राज्य के 12 बैराज और 12 जलाशयों के जलस्तर की भी लगातार निगरानी की जा रही है। इसमें आठ जगहों पर जल स्तर स्थिर बना हुआ है। दो जगह जल स्तर बढ़ा है, जबकि दो जगह कम हुआ है।

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