बल्लेबाज मचाएंगे तांडव या गेंदबाज मारेंगे मैदान? लॉर्ड्स की पिच का कैसा रहेगा मिजाज

भारत और इंग्लैंड (India vs England) के बीच तीसरा टेस्ट मैच 10 जुलाई 2025 से लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर खेला जाएगा। अभी तक एंडरसन-गावस्कर ट्रॉफी के दो मैच खेले जा चुके है।
दूसरा टेस्ट मैच एजबेस्टन में खेला गया, जिसमें भारत की ऐतिहासिक जीत के बाद पांच मैचों की यह सीरीज 1-1 से बराबरी पर आ गई। एजबेस्टन टेस्ट में भारतीय टीम जसप्रीत बुमराह के बिना उतरी थी, लेकिन लॉर्ड्स में वह वापसी कर रहे हैं।
भारत ने लॉर्ड्स में पिछली बार 2021 में खेले गए टेस्ट में इंग्लैंड को 151 रनों से हराया था। वहीं, अब जब सीरीज बराबरी पर है, तो लॉर्ड्स टेस्ट दोनों टीमों के लिए निर्णायक भूमिका निभा सकता है। ऐसे में मैच से पहले जानते हैं लॉर्ड्स की पिच कैसा खेलेगी?
IND Vs ENG 3rd Test Pitch: कैसा खेलेगी Lord’s की पिच?
दरअसल, एजबेस्टन में मिली हार के बाद, एक रिपोर्ट के अनुसार इंग्लैंड टीम मैनेजमेंट ने ऐसी पिच की मांग की है जो उनके तेज गेंदबाजों की मदद करें। 7 जुलाई को सोशल मीडिया पर लॉर्ड्स की पिच (Lord’s Pitch) की जो पहली झलक सामने आई, उसमें पिच पर अच्छी खासी घास और नमी दिखी।
वैसे तो लॉर्ड्स की पिच भी तेज गेंदबाजों के लिए ही मददगार रही है। गेंद सीम और स्विंग होती है, इस वजह से यहां बल्लेबाजों के लिए रन बनाना एक मुश्किल काम होता है।
वहीं, इंग्लैंड की टीम में वापसी कर रहे तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर और भारत की टीम में जसप्रीत बुमराह इस पिच पर फायदेमंद हो सकते हैं। मैच से एक दिन पहले लॉर्ड्स की पिच हरी-भरी नजर आ रही है, जिससे ये माना जा रहा है कि वह तेज गेंदबाजों को मदद कर सकती है।
क्या कहते हैं आकंड़े?
लॉर्ड्स में भारतीय टीम (India National Cricket Team) ने 1932 से 2021 तक कुल 19 मैच खेले है, जिसमें से टीम को 3 मैचों में ही जीत मिली है, जबकि 12 मैच में टीम को हार का सामना करना पड़ा और मैच ड्रॉ पर रहे। वहीं, इंग्लैंड की टीम ने 145 मैच खेले है, जिसमें से उसे 59 मैचों में जीत मिली है और 35 मैचों में उसे हार का सामना करना पड़ा। 51 मैच ड्रॉ पर खत्म हुए।
लॉर्ड्स के मैदान पर टॉस जीतने वाली टीम ने पहले बैटिंग करते हुए 101 मैचों में से 37 मैच में जीत हासिल की, जबकि 27 मैच में हार और 37 मैच ड्रॉ पर रहे। वहीं, टॉस जीतने के बाद टीम ने 47 बार फील्डिंग पहले चुनी और उसे 17 मैच में जीत मिली और 16 मैच में हार का सामना करना पड़ा। 14 मैच ड्रॉ पर समाप्त रहे।
इस मैदान पर पहली पारी का औसत स्कोर 148-150 रन है। चौथी पारी पर यहां पर बल्लेबाजी करना यहां सबसे मुश्किल काम होता है। ऐसे में टॉस जीतने वाली टीम पहले गेंदबाजी का फैसला ले सकती है।